रस और भाव वाक्य
उच्चारण: [ res aur bhaav ]
उदाहरण वाक्य
- भूमिका में स्वीकृत पद, प्रकृति, रस और भाव के अनुसार छह प्रकार की गतियों में अभिनय होता है-अत्यंत करुण में स्तब्ध गति, शांत में मंद गति, श्रृंगार, हास और बीभत्स में साधारण गति, वीर में द्रुत गति, रौद्र में वेगपूर्ण गति और भय में अतिवेगपूर्ण गति।
- प्रेरित इसलिए कि नाट्यशास्त्र की तर्ज पर ही इन नाटकों में संगीत, रस और भाव के माध्यम से अभिनेता रंगमंच पर ‘ तीनों लोकों का भावानुकीर्तन ' करता है अर्थात सत्व, रज और तम से निर्मित अपनी चित्तवृत्ति से अभिनय को प्रकट करता है।
- उक्त सभी सिद्धांतों का समन्वय करते हहुए विश्वनाथ ने लिखा-' शब्द और अर्थ काव्य पुरुष का शरीर है, रस और भाव उसकी आत्मा, शूरता, दया, दाक्षिण्य अदि के सामान माधुर्य, ओज और प्रसाद इस काव्य पुरुष के गुण हैं और कर्णत्व, बधिरत्व, खन्जत्व आदि के सामान श्रुत कटुत्व, ग्राम्यत्व, आदि दोष हैं.