रस धातु वाक्य
उच्चारण: [ res dhaatu ]
उदाहरण वाक्य
- यह ऑक्सीजन श्वास द्वारा प्राप्त होती है व कार्बन आहार के सम्यक पाचन से उत्पन्न रस धातु में स्थित शर्करा से प्राप्त होता है, आहार न मिलने पर शरीर इन क्रियाओं के लिए आवश्यक कार्बन संचित मेद तथा आम (रोगजन्य विष द्रव्य) से ले लेता है, जिससे अनावश्यक चर्बी, कोलेस्ट्रोल तथा विषैले तत्वो का नाश हो जाता है.
- ये संख् या में सात होती है-रस धातु रक् त धातु मांस धातु मेद धातु अस्थि धातु मज् जा धातु शुक्र धातु सप् त धातुयें वातादि दोषों से कुपित होंतीं हैं जिस दोष की कमी या अधिकता होती है, सप् त धातुयें तदनुसार रोग अथवा शारीरिक विकृति उत् पन् न करती हैं आधुनिक आयुर्वेदज्ञ सप् त धातुओं को पैथोलांजिकल बेसिस आंफ डिसीजेज के समतुल् य मानते हैं
- १-आयुर्वेद के मौलिक सिध्धन्तों के अनुसार कफ और वात के मिलित दोष मिले / २-त्रिदोष भेद के अनुसार वात भेद मे अपान वायु और समान वायु के दोष, पित्त भेद के पाचक और कफ दोष के श्लेष्मन दोष की प्रमुखता मिली / ३-सप्त धातुओं में रस धातु, मेद धातु, मज्जा धातु और शुक्र धातु के दोष प्राप्त हुये / सप्त धातुये वात, पित्त और कफ के दोषो की प्रमुखता के साथ साथ individual to individual intensity level मे मौजूद रहे हैं /