रस सिद्धांत वाक्य
उच्चारण: [ res sidedhaanet ]
उदाहरण वाक्य
- शीर्षक आलेख में रस सिद्धांत को काव्य का शाश्वत प्रतिमान माना है, किन्तु अज्ञेय ने इस सिद्धांत का खंडन किया।
- इनमें से कुछ थोड़े ही ऐसे होंगे जिन्होंने साहित्य का विधान तथा भाषा व्याकरण के रस सिद्धांत को समझ सके होंगे।
- उनमें से प्रेम रस सिद्धांत महाराज जी के वैदिक दर्शन का आगे » कृपालु जी ने लिखी हैं दर्जन भर साहित्यिक पुस्तकें
- भारतीय काव्य सिद्धांत में रस सिद्धांत अनुभूति अथवा भावना पर आधारित है और अलंकार सिद्धांत मौलिक रूप से कवि कल्पना पर आधारित है।
- फ्रायड के मनोविश्लेषण-शास्त्र को उन्होंने एक उपकरण के रूप में ग्रहण किया है, जो रस सिद्धांत के विश्लेषण में पोषक की सिद्ध हुआ है।
- नाटक में मुख्य रूप से तीन सिद्धांत काम करते हैं-अरस्तु का विरेचन सिद्धांत, भामह का रस सिद्धांत और जियाको का हाना सिद्धां त.
- जो रस सिद्धांत काव्यगत मूल्यांकन में सबसे अधिकस्थायी महत्व का प्रतिमान मान लिया गया था उसे छायावाद और छायावाद परवर्ती केमूल्यांकन के लिये अपर्याप्त मान लिया गया.
- इसकी झलक उनकी लिखी पुस्तकों प्रेम रस सिद्धांत, भक्ति शतक, राधा गोविंद गीत, प्रेम रस मदिरा, युगल शतक, युगल रस, श्रीकृष्ण द्वादशी, राधा त्रयोदशी आदि में भी देखने को मिलती है।
- नयी कविता के मूल्यांकन के लिए अलग से प्रतिभानों की मांग करने वालों कीप्रतिमानों पहली मुठभेड़ रस सिंद्धांतसे हुई, और रस सिद्धांत जिस क्लासिकी परम्परा की देन था, उस क्लासिकी परम्परासे भी.
- इन्होंने रस सिद्धांत की मनोवैज्ञानिक व्याख्या (अभिव्यंजनावाद) कर अलंकारशास्त्र को दर्शन के उच्च स्तर पर प्रतिष्ठित किया तथा प्रत्यभिज्ञा और त्रिक दर्शनों को प्रौढ़ भाष्य प्रदान कर इन्हें तर्क की कसौटी पर व्यवस्थित किया।