राग बहार वाक्य
उच्चारण: [ raaga bhaar ]
उदाहरण वाक्य
- बाबा नुसरत फ़तेह अली ख़ान से सुनिये राग बहार में कम्पोज़ की गई यह अमर रचना.
- अरे ये तो उस्ताद राशिद खान साहेब हैं जो राग बहार अलाप रहे हैं आगाज पर।
- यहाँ नमूने के बतौर क्रमशः राग बहार, कामोद और यमन में ख़याल की बंदिशें पेश हैं.
- राग बहार की पंक्तियाँ समाप्त होते ही राग बागेश्वरी अथवा बागेश्री का आलाप आरम्भ हो जाता है।
- राग बहार की पंक्तियाँ समाप्त होते ही राग बागेश्वरी अथवा बागेश्री का आलाप आरम्भ हो जाता है।
- ' राग बहार पर भी आधारित था, जिसे सहगल ने अपने चिर-परिचित अंदाज़ में प्रस्तुत किया था।
- गीत का आरम्भ राग बहार के स्वरों में गूँथे गीत-‘ टूट गई मेरे मन की वीणा...
- गीत का आरम्भ राग बहार के स्वरों में गूँथे गीत-‘टूट गई मेरे मन की वीणा...' से होता है।
- राग बहार में ‘ छाड़ो डगर मोही बहियाँ गहो ना, रीत की अनरीत करो ना कान्हा ….
- चूँकि राग बहार ऋतु प्रधान राग है, अतः बसन्त ऋतु में इसका गायन-वादन किसी भी समय किया जाता है।