राग बागेश्वरी वाक्य
उच्चारण: [ raaga baagaeshevri ]
उदाहरण वाक्य
- ' ' और जब उस दुधमुंही लडक़ी ने राग बागेश्वरी बजाया तो '' जैसे अंधेरे की परतों को चीर कर तारे छिटकने लगे-अगणित निहारिकाएं खुल-खुल कर बिछने लगीं।
- उसको अच्छी तरह मालूम था कि वह रेडियो स्टेशन के म्यूजिक़ सेक्शन में बैठा किसी टीन एजर हसीना की कमर में हाथ डाले राग बागेश्वरी के आरोह अवरोह बता रहा होगा।
- उसके बाद राग बागेश्वरी में-अचरा पकड़ रस लीन्हो, नन्द को छयलवा अबके होरिन में …… ' आदि गीतों में रस विभोर होने के साथ ही मध्य रात्रि के रागों का क्रम चलता है।
- कला की दृष्टि से निपुणता दिखाने में सबकी माहिरता सुनने व देखने योग्य थी पर खास उलेख मैं यहाँ क्रिस्टीन का करना चाहूंगी जो विदेशी होते हुए भी बढ़ी निपुणता एवं सुगमता के साथ राग बागेश्वरी को अलाप, व छोटी तान के साथ प्रस्तुत कर पायी, और जसबीर जिसने बड़ी ही सुंदर सलीकेदार ग़ज़ल सुना ई.
- क्रम से बढ़ते हुए खमाज राग की ओर होली गायक बढ़ते हैं-‘अपने ही रंग में रंगा दे मौला, तू तो साहेब मोरा गरीब नवाज…….' या ‘कैसे धरूँ जिया धीर, बाली उमर मोरी पिया घर नाहीं' आदि गीतों के बाद राग देश की ओर होली गायक बढ़ते हैं-‘चलो री सखी तट जमुना की ओर, अगर चंदन को पलना बनो है, रेशम लागी डोर………' उसके बाद राग बागेश्वरी में-‘अचरा पकड़ रस लीन्हो, नन्द को छयलवा अबके होरिन में…….' आदि गीतों में रस विभोर होने के साथ ही मध्यरात्रि के रागों का क्रम चलता है।