राजनीतिक आलोचना वाक्य
उच्चारण: [ raajenitik aalochenaa ]
उदाहरण वाक्य
- तुर्क लोगों ने एक बडी सूची गिनाई जो कि एरडोगन की एकेपी के एक दशक के शासन में उसके अधिनायकवादी लक्षण को दर्शाते हैं जैसे कि राजनीतिक आलोचना को दबाना, सहयोगी पूँजीवाद, न्यायपालिका को तोडना मरोडना, अन्यायपूर्ण कारावास, बनावटी मुकदमे तथा शक्तियों के विभाजन की अवहेलना।
- ऐसा ही सरकारी प्रयास अब ट्विटर पर छपने वाली सामग्री को लेकर दिखाई दे रहा है जिसके चलते राजनीतिक आलोचना के मुद्दे को समुदाय अथवा संप्रदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के मुद्दे में तब्दील कर सरकार द्वारा अभिव्यक्ति के लोकतान्त्रिक अधिकार का गला घोंटने का सतत प्रयास किया जा रहा है।
- ऐसा ही सरकारी प्रयास अब ट्विटर पर छपने वाली सामग्री को लेकर दिखाई दे रहा है जिसके चलते राजनीतिक आलोचना के मुद्दे को समुदाय अथवा संप्रदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के मुद्दे में तब्दील कर सरकार द्वारा अभिव्यक्ति के लोकतान्त्रिक अधिकार का गला घोंटने का सतत प्रयास किया जा रहा है।
- अन्त में किताब जनतंत्र, धर्मनिरपेक्षता एवं एकता की यह ‘त्रिमूर्ति' जो लेखक के मुताबिक भारतीय विचारधारा की बुनियाद है, इस पर विभिन्न अग्रणी विचारकों की समझदारी की चर्चा करती है और स्पष्टतः लिखती है कि जहाँ सामाजिक आलोचना का पक्ष इनकी रचनाओं में अहम दिखता है, वही तेवर राजनीतिक आलोचना में नज़र नहीं आता।
- अंत में किताब जनतंत्र, धर्मनिरपेक्षता एवं एकता की इस ‘ त्रिमूर्ति ', जो लेखक के मुताबिक भारतीय विचारधारा की बुनियाद है, पर विभिन्न अग्रणी विचारकों की समझदारी की चर्चा करती है और स्पष्टत: दिखाती है कि जहां सामाजिक आलोचना का पक्ष इनकी रचनाओं में अहम दिखता है, वही तेवर राजनीतिक आलोचना में नजर नहीं आता।
- कदम कार्यक्रम के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कर रहे हैं रचनात्मक जोड़ती को प्रलोभन, निर्माण, निबंध लेखन और वैज्ञानिक लेख और आलोचना, और साथ ही बहस और कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों के बीच बातचीत को बढ़ावा के लिए सामाजिक और राजनीतिक आलोचना की पहले से ही विद्यमान निकायों के साथ छात्रों की व्यक्तिगत, सामाजिक और राजनीतिक अनुभवों ई, सामाजिक समकालीन, राजनैतिक और आर्थिक सोच और तरीकों में प्रवृत्तियों के साथ
- ग़ज़ल की भूमि को सीधे-सीधे राजनीतिक आलोचना और प्रतिरोध के काबिल बनाना उनकी ख़ास दक्षता थी-जुल्फ-अंगडाई-तबस्सुम-चाँद-आईना-गुलाब भुखमरी के मोर्चे पर ढल गया इनका शबाब पेट के भूगोल में उलझा हुआ है आदमी इस अहद में किसको फुर्सत है पढ़े दिल की किताब इस सदी की तिश्नगी का ज़ख्म होंठों पर लिए बेयक़ीनी के सफ़र में ज़िंदगी है इक अजाब भुखमरी, गरीबी, सामंती और पुलिसिया दमन के साथ-साथ उत्तर भारत में राजनीति के माफियाकरण पर हाल के दौर में सबसे मारक कवितायेँ उन्होंने लिखीं.