रूठी रानी वाक्य
उच्चारण: [ ruthi raani ]
उदाहरण वाक्य
- रूठी रानी (1907 ई0) शीर्षक राजपूताने की कथा को हिन्दी से उर्दू में अनूदित कर के प्रेमचंद ने हिंदू आदर्शों की ही बुनियाद रक्खी.
- जोधपुर की रूठी रानी अठै क उठै (यहाँ कि वहां) पन्ना धाय से कम न था रानी बाघेली का बलिदान नमक का मोल सारे देखें
- कभी एक दासी के रूप के आगे नतमस्तक हो गया राजा तो कभी राजा से नाराज रानी ऐसी रूठी कि उसका नाम ही रूठी रानी पड़ गया।
- रूठी रानी एक वीरांगना नारी थी म यध्यापी वह मालदेव से नाराज थी फिरभी उसकी मॉट के बाद सती हो कर उसने अपना सती धर्म निभाया था.
- रूठी रानी (1907 ई 0) शीर्षक राजपूताने की कथा को हिन्दी से उर्दू में अनूदित कर के प्रेमचंद ने हिंदू आदर्शों की ही बुनियाद रक्खी.
- जमाना में रूठी रानी की कथा के समापन पर अगस्त 1907 ई ० के अंक में स्पष्ट अक्षरों में अंकित है-“ माखूज़ व तर्जुमा अज़ हिन्दी ”, अर्थात् हिन्दी से लिया और रूपांतरित किया गया.
- माण्डलगढ से 20 किलोमीटर दूर चितौडगढ की सीमा पर स्थित पुरातात्विक एवं प्राकृतिक सौन्दर्य स्थल मेनाल में 12 वीं शताब्दी के चौहानकला के लाल पत्थरों से निर्मित महानालेश्वर मंदिर, रूठी रानी का महल, हजारेश्वर मंदिर देखने योग्य हैं।
- माण्डलगढ से 20 किलोमीटर दूर चितौडगढ की सीमा पर स्थित पुरातात्विक एवं प्राकृतिक सौन्दर्य स्थल मेनाल में 12 वीं शताब्दी के चौहानकला के लाल पत्थरों से निर्मित महानालेश्वर मंदिर, रूठी रानी का महल, हजारेश्वर मंदिर देखने योग्य हैं।
- माण्डलगढ से 20 किलोमीटर दूर चितौडगढ की सीमा पर स्थित पुरातात्विक एवं प्राकृतिक सौन्दर्य स्थल मेनाल में 12 वीं शताब्दी के चौहानकला के लाल पत्थरों से निर्मित महानालेश्वर मंदिर, रूठी रानी का महल, हजारेश्वर मंदिर देखने योग्य हैं।
- किंतु प्रेमचंद के जीवनकाल में भी और उनके निधनोपरांत भी मुंशी देवी प्रसाद द्वारा लिखित एवं भारत मित्र प्रेस कलकत्ता से 1906 ई ० में हिन्दी में प्रकाशित रूठी रानी नवाब राय के मनाने पर ऐसा सध गयी कि उन्हीं की होकर रह गयी.