ललित कार्तिकेय वाक्य
उच्चारण: [ lelit kaaretikey ]
उदाहरण वाक्य
- ललित कार्तिकेय ने अपनी नियति का जो चुनाव किया, उसके कारणों पर जरूर विचार-विमर्श किया जाना चाहिए और ऐसी परिस्थितियों के बीच कोई और ललित न घिरे इसकी कोशिश भी करनी चाहिए।
- मंगलेश जी ने पब्लिक एजेंडा में ललित कार्तिकेय की एक टिप्पणी ‘ मात्र निर्वासन काफी नहीं ' प्रकाशित की है, जो बहुत हद तक ललित कार्तिकेय की फिक्र को समझाने में मददगार है।
- मंगलेश जी ने पब्लिक एजेंडा में ललित कार्तिकेय की एक टिप्पणी ‘ मात्र निर्वासन काफी नहीं ' प्रकाशित की है, जो बहुत हद तक ललित कार्तिकेय की फिक्र को समझाने में मददगार है।
- दरअसल जब भी ललित कार्तिकेय की तरह कोई रचनाकार या बुद्धिजीवी हमारे बीच से असामयिक और असामान्य तरीके से चला जाता है, तो हम उसके क्राइसिस की वजह वामपंथ के भीतर तलाशने लगते हैं।
- ललित कार्तिकेय को करीब से जानने वाले कथाकार ज्ञानप्रकाश विवेक ने ‘ एक अशांत अदीब की खामोश मौत ' शीर्षक से जो बेहद मार्मिक संस्मरण सुनाया, वह उनकी जिंदगी की परतों को खोलने वाला था।
- ललित कार्तिकेय से मेरी कोई प्रत्यक्ष मुलाकात नहीं हुई थी, लेकिन जिन दिनों साहित्यिक-सांस्कृतिक गतिविधियों से जुड़ाव शुरू हुआ था, उन दिनों ‘ हँस ' में छपने वाली उनकी कहानियों से उनको जाना था।
- इस प्रसंग में वे ललित कार्तिकेय की लिखी अल्मा कबूतरी की समीक्षा का ज़िक्र करते हुए कहते हैं कि ‘ समीक्षक की सारी बौद्धिकता ‘ अल्मा कबूतरी ' को एक प्रकृतवादी रचना साबित करने में लगी है।
- पिछले दिनों साथी प्रणय कृष्ण के साथ वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल जी के दफ्तर में ललित कार्तिकेय के बारे में बातचीत हो रही थी, देरिदा और सलमान रश्दी की किताबों की उनके द्वारा किये गये अनुवाद की भी चर्चा हुई।
- उस आयोजन में इतना जरूर हुआ कि संपादक सुधीश पचौरी ने अपने पसन्दीदा चयन-अशोक वाजपेयी, राजेन्द्र यादव, गोविन्द द्विवेदी, कृष्णगोपाल वर्मा और ललित कार्तिकेय की आधी-अधूरी टिप्पणियों के माध्यम से अपने उद्देश् य को एक हद तक पूरा कर पाने में कामयाब रहे.
- हिन्दी के चर्चित कवि मंगलेश डबराल से एक साक्षात्कार में ललित कार्तिकेय द्वारा पूछा गया प्रश्न बहुत अहम है, “ आपकी कविताओं में पहाड़ी जीवन की कठिनाइयों की झलक तो मिलती है, लेकिन पहाड़ी समाज के भीतर के सामाजिक अन्तर्विरोध को आप अपने काव्य में नहीं लाते? ”