लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर वाक्य
उच्चारण: [ laarej haideron kolaaider ]
उदाहरण वाक्य
- हिग्स-बोसॉन विश्व की विशालतम मशीन लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर में प्रकाश की गति से प्रोटानों की भयानक टक्कर से उत्पन्न हुई अपार ऊर्जा से ब्रह्मांड का रहस्यमयी तत्व हिग्स-बोसॉन पैदा...
- पिछले साल हुई खोज की घोषणा ब्रह्मांड की उत्पत्ति को समझने के लिए जेनेवा में जमीन से सौ मीटर नीचे 27 किमी लंबी सुरंग में लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर प्रयोग किया गया था।
- भारत समेत विश्व के 9000 वैज्ञानिकों की मौजूदगी में सुबह नौ बजे (भारतीय समयानुसार दोपहर 12:30 बजे) विशाल पार्टिकल एक्सीलरेटर लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (एलएचसी) को चालू करने वाले बटन के दबते ही महाप्रयोग शुरू हो गया।
- विश्व की विशालतम मशीन लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर में प्रकाश की गति से प्रोटानों की भयानक टक्कर से उत्पन्न हुई अपार ऊर्जा से ब्रह्मांड का रहस्यमयी तत्व हिग्स-बोसॉन पैदा हुआ, लेकिन यह उत्पन्न होते ही खत्म हो गया।
- हिग्स-बोसॉन विश्व की विशालतम मशीन लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर में प्रकाश की गति से प्रोटानों की भयानक टक्कर से उत्पन्न हुई अपार ऊर्जा से ब्रह्मांड का रहस्यमयी तत्व हिग्स-बोसॉन पैदा हुआ, लेकिन यह उत्पन्न होते ही खत्म हो गया।
- क्या हुआ था सुदूर अंतरिक्ष में लाखों साल पहले हुए उस जबरदस्त धमाके ' बिग बैंग' के बाद? जैसे तमाम यक्ष प्रश्नों का हल निकालने के लिए अब तक का सबसे बड़ा परीक्षण लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर मशीन से किया जाना था।
- 2008 में 10 अगस्त को हुए लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर के महाप्रयोग से भी इन गॉड पार्टिकिल्स की मौजूदगी के सबूत मिलने की उम्मीद बंधी थी, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी की वजह से ये प्रयोग ही बीच में बंद कर देना पड़ा, अब ये महाप्रयोग 2009 के अंत में होगा।
- लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (Large Hadron Collider)-LHC-नामक इस त्वरक की सहायता से वैज्ञानिक उत्तर पाने की आशा कर रहे हैं कि ब्रह्मांड कैसे बना, किस चीज़ का बना हुआ है और वह कौन-सी शक्ति है, जो इस दुनिया को, ब्रह्मांड को, बाँधे हुए है?
- लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर में जनवरी 2010 के अंतिम सप्ताह होने वाले मुख्य प्रयोग की टीम में शामिल टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अतुल गुर्टू बताते हैं,"इस प्रयोग से मिलने वाले असीम डाटा के विश्लेषण के लिए इंटरनेट की ग्रिड टेक्नोलॉजी का शुरुआती प्रयोग दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में काम कर रहे वैज्ञानिक संस्थानों में शुरू कर दिया गया है।