वर्ष फल वाक्य
उच्चारण: [ vers fel ]
उदाहरण वाक्य
- पौधों को सही आकार में रखने के लिए हर वर्ष कुछ शाखाएं हर दिशा में आने देतेहैं, जिन पर अगले वर्ष फल लगते हैं.
- प्रश्न: क्या कृष्णमूर्ति पद्धति से वर्ष फल कथन किया जा सकता है? उत्तर: कृष्णमूर्ति पद्धति में वर्षफल निकालने का कोई नियम नहीं है।
- प्रश्न: वर्ष फल कथन में किन किन बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए? उŸार: सर्वप्रथम वर्ष कुंडली बना कर मुंथा-मुंथेश की स्थिति को देखें।
- यदि कुंडली में वर्ष फल के अनुसार कोई शत्रु भी उनके घर में आ बैठे तो वह पहले बैठे दो ग्रहों के प्रभाव को दूषित कर देता है।
- सूर्य मेष संक्रान्ति के आधार पर वर्ष फल जैसा आप सभी जानते हैं, कि हिन्दी पंचांग के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नए संवत अर्थात् नये वर्ष की शुरूआत होती है ।
- सन् 1952 तक इसके अनेक संस्करण छपे जिनमें से कुछ मुख्य हैं-लाल किताब गुटका, लाल किताब फरमान, लाल किताब अरमान, लाल किताब लग्न कुंडली व लाल किताब वर्ष फल कुंडली।
- पंचांग श्रवण में पुरोहित वर्ष फल के अंतर्गत ग्रहों की स्थिति, उनके शुभ और अशुभ फल, वर्षा का परिमाण, फसलों की स्थिति, राशि फल आदि की पूर्व सूचना देते हैं।
- प्रश्न: क्या इसे पांचों दशाओं के वर्ष फल कथन में एक साथ देखना चाहिए? उŸार: यदि वर्ष कुंडली में चंद्र बली है तो निशांतर मुद्दा, योगिनी और बलराम दशाओं पर विचार करें।
- यदि काम का फल जातक को कम मिलता हो तो ऐसी स्थिति में (वर्ष फल के अनुसार) प्रति वर्ष उस घर को जगाने के लिए भाव 4 और भाव 2 के मित्र ग्रह की स्थापना 10 वें घर में आवश्यक हो जाती है।
- वर्षफल में ग्रह का प्रभाव कब होगा जन्म कुंडली के खाली घरों में जब वर्ष फल के अनुसार कोई आ जाए तो उसका अच्छा या बुरा प्रभाव जातक के जन्म मास से आठवें महीने में पड़ेगा (जन्म कुंडली में ये दोनों घर खाली हैं) ।