वसुबंधु वाक्य
उच्चारण: [ vesubendhu ]
उदाहरण वाक्य
- वसुबंधु (400 ई.), कुमारलात (200 ई.) मैत्रेय (300 ई.) और नागार्जुन (200 ई.) इन दर्शनों के प्रमुख आचार्य थे।
- अतः विज्ञप्तिमात्रका हीअस्तित्व सिद्ध होता है. वसुबंधु नेप्रत्यक्ष प्रमाण के संदर्भ में भी विज्ञप्ति को पारमार्थिकप्रमाणित करनेका प्रयत्न किया है.
- इसके विपक्ष में वसुबंधु का मत है कि एक अवयवीविषय नहीं हो सकताहै, क्योंकि अवयवों से भिन्न अवयवी का कहीं ग्रहणनहींहोता है.
- परमार्थ एवं युवान् च्वांग की गणना से एवं विक्रमादित्य एंव बालादित्य के समकालीन होने से वसुबंधु का समय पाँचवीं शताब्दी ही स्थिर होता है।
- आचार्य असंग के छोटे भाई आचार्य वसुबंधु ने अपने जीवन के प्रथम भाग में सर्वास्तिवाद सिद्धांत के अनुसार कारिकाबद्ध अभिधर्मकोश ग्रंथ की रचना की।
- त्रैयध्विक द्रव्य सत्ता के साथ अध्व भेद स्थापित करने के लिए अनेक मत उद्भावित किए गए जिनमें वसुमित्र के अवस्थान्यथात्व का वसुबंधु ने शोभन कहा है।
- प्रसिद्ध है कि आचार्य असंग के भाई वसुबंधु पहले सर्वास्तिवाद के पोषक थे, किंतु बाद में असंग के प्रभाव में आकर वे योगाचार विज्ञानवादी हो गए।
- प्रसिद्ध है कि आचार्य असंग के भाई वसुबंधु पहले सर्वास्तिवाद के पोषक थे, किंतु बाद में असंग के प्रभाव में आकर वे योगाचार विज्ञानवादी हो गए।
- वसुबंधु से विद्या का अध्ययन कर इन्होंने बौद्ध न्याय के ऊपर अनेक विशिष्ट ग्रंथों का प्रणयन किया था, जिनमें प्रमाणसमुच्चय, न्यायप्रवेश, हेतुचक्रडमरू, तथा आलबंनपरीक्षा विशेष उल्लेखनीय हैं।
- मनुष्य के एहसास (Conciousness) के नीचे के स्तर पर अवचेतन का अस्तित्व और उसका सूक्ष्मता से विचार सच्चे अर्थो में भारत में असंग और वसुबंधु ने किया है।