वाचस्पतिमिश्र वाक्य
उच्चारण: [ vaachespetimisher ]
उदाहरण वाक्य
- अन्विताभिधान की आलोचना करते हुए वाचस्पतिमिश्र ने अभिहितान्वयवाद का समर्थन तत्त्वबिंदु में किया है।
- तत्त्वकौमुदी या सांख्यतत्त्वकौमुदी वाचस्पतिमिश्र की ईश्वर कृष्ण की ' सांख्यकारिका ' पर व्याख्या है।
- लेकिन वाचस्पतिमिश्र के संभाव्य उत्तर के बारे में हम दो दिशाओं में सोच सकते हैं-
- इसलिए वाचस्पतिमिश्र के बौद्ध खंडन में इस प्रबल प्रमाणशास्त्र की पार्श्वभूमि स्पष्टतया दिखाई देती है।
- अद्वैत वेदांत में प्रचलित एक वाद के संदर्भ में भी वाचस्पतिमिश्र का विशेष स्थान है।
- उमेश मिश्र के अनुसार वाचस्पतिमिश्र दरभंगा ज़िले में ' थारही ' नामक गांव में रहते थे।
- इसीलिए विद्वानों का कहना है कि वाचस्पतिमिश्र भामती में कभी कभी यह समन्वय की दृष्टि अपनाते हैं।
- न्यायवार्तिक / तात्पर्य / टीका में वाचस्पतिमिश्र के द्वारा न्याय दर्शन में किया गया योगदान मिलता है।
- लेकिन सांख्यतत्त्वकौमुदी तथा तत्त्ववैशारदी इन दोनों ग्रन्थों में वाचस्पतिमिश्र का कुछ विशेष निजी योगदान हम नहीं पाते हैं।
- वाचस्पतिमिश्र के इस ग्रन्थ का विषय है ' शाब्दबोध ' यानी प्रमाणभूत वाक्य से होने वाले अर्थ का यथार्थज्ञान।