वाजश्रवा के बहाने वाक्य
उच्चारण: [ vaajeshervaa k bhaan ]
उदाहरण वाक्य
- पर्त-दर-पर्त-इस पूर्णता को देखने की चेष्टा ' वाजश्रवा के बहाने ' में स्पष्ट देखने को मिलती है।
- ' वाजश्रवा के बहाने ' में कवि उद्भासित करता है कि काल भी संष्लिष्ट है और मनुष्य भी।
- रश्मिरथी, उर्वशी (ज्ञानपीठ से सम्मानित), हुंकार, कुरुक्षेत्र, संस्कृति के चार अध्याय, परशुराम की प्रतीक्षा, हाहाकार, चक्रव्यूह, आत्मजयी, वाजश्रवा के बहाने
- पिछले दिनों कविता में जो महत्वपूर्ण घटित हुआ वह है वरिष्ठ कवि कुंवर नारायण के काव्य वाजश्रवा के बहाने का प्रकाशन।
- ' वाजश्रवा के बहाने ' में हम उन सूक्ष्मताओं को देख सकते हैं जिनसे आज के वाजश्रवा का कलेवर बना है।
- उनका काव्य संग्रह ‘ वाजश्रवा के बहाने ' जीवन से पूर्व एवं मृत्यु के बाद के मध्य सेतु का कार्य करता है।
- आत्मजयी और हाल ही में प्रकाशित उनके नए काव्य संग्रह वाजश्रवा के बहाने उन्होंने बताया कि उनमें एक क्लॉसीकीय संयम भी है।
- वरिष्ठ कवि कुँवर नारायण की नयी काव्य रचना ' वाजश्रवा के बहाने ' को हम हिंदी भाषा का उपनिषद कह सकते हैं।
- उनके आत्मदीप की लौ की जगमगाहट ' अत्मजयी ' की तुलना में ' वाजश्रवा के बहाने ' में अधिक प्रखर हो उठी है।
- इस श्रृंखला की अगली कड़ी के रूप में प्रस्तुत है हमारे समय के अत्यंत महत्वपूर्ण वरिष्ठ कवि कुंवर नारायण की पुस्तक वाजश्रवा के बहाने ।