वामन शिवराम आप्टे वाक्य
उच्चारण: [ vaamen shiveraam aapet ]
उदाहरण वाक्य
- यह बना है विकालः से, जिसकी व्युत्पत्ति वामन शिवराम आप्टे के कोश में विरुद्धः कालः दी हुई है अर्थात शाम का समय, झुटपुटा।
- वामन शिवराम आप्टे के कोश में ‘ ध्यानिक ' का अर्थ है “ सूक्ष्म चिन्तन से प्राप्त ” (आचार, विचार, नीति) ।
- वामन शिवराम आप्टे के संस्कृत-हिन्दी कोश में ‘ लाघव ' के जो दस अर्थ दिए गए हैं, उनमें क्रमांक 7,8 व 9 पर लिखे अर्थ इस प्रकार हैं-
- वामन शिवराम आप्टे के संस्कृत हिन्दी शब्दकोष में उद्यम और श्रम से संबंधित शब्दों के अर्थ निम्न प्रकार बताए गए हैं-उद्यमः [उद्+यम्+घञ्] = 1.उठाना, उन्नयन 2. सतत् प्रयत्न, चेष्टा, परिश्रम, धैर्य।
- जगत्पति (संस्कृत के व्याकरणाचार्य वामन शिवराम आप्टे ने “ पति '' शब्द का अर्थ ‘‘ प्रधानता करनेवाला ” भी बताया है (देखिए, संस्कृत हिन्दी कोश, पृ.
- (संस्कृत-हिंदी शब्दकोश, वामन शिवराम आप्टे, अशोक प्रकाशन, दिल्ली, 2006) अर्थात् लोकलुभावन और आम जन को प्रिय लगने वाले वचन कहता हो, प्रचारित करता हो, वह चारुवाक ।
- डॉ. हरदेव बाहरी, केदारनाथ भट्ट, रामशंकर शुक्ल ‘ रसाल ', वामन शिवराम आप्टे, नागरी प्रचारणी सभा के शब्द सागर तथा ज्ञानमंडल लिमिटेड बृहत् हिंदी शब्दोकोश अच्छे शब्दकोशों में से हैं।
- गौरतलब है कि जॉन प्लैट्स, अवेस्ताई धातु दी = धी (वैदिकी) की बात करते हैं, जबकि वामन शिवराम आप्टे ‘धी' की धातु ‘ध्यै' बताते हैं जिसका अर्थ है सोचना, चिन्तन करना, मनन करना आदि ।
- वस्तुतः दिये गये अर्थ कमोबेश वही हैं जो शब्द के स्रोत संस्कृत भाषा में स्थापित हैं, जैसा कि संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (वामन शिवराम आप्टे, अशोक प्रकाशन, दिल्ली) में देखा जा सकता है ।
- शाबर मन्त्रों का आशयः-स्व॰ वामन शिवराम आप्टे ने सन् १ ९ ४ २ ई॰ में अपने ‘ संस्कृत-कोष ' में ‘ शाबर ' शब्द की व्युत्पत्ति इस प्रकार दी है ; ‘ शब (व)-र-अण्-शाबरः, शावरः, शाबरी।