वाल्मीकिजी वाक्य
उच्चारण: [ vaalemikiji ]
उदाहरण वाक्य
- वाल्मीकिजी ने लिखा है-मृत्यु के समय ज्ञानी रावण राम से व्यंग्य पूर्वक कहता है-' तुम तो मेरे जीते-जी लंका में पैर नहीं रख पाए।
- वाल्मीकिजी ने लिखा है-मृत्यु के समय ज्ञानी रावण राम से व्यंग्य पूर्वक कहता है-' तुम तो मेरे जीते-जी लंका में पैर नहीं रख पाए।
- भावार्थ:-(मुनि श्री रामजी के पास बैठे हैं और उनकी) मंगल मूर्ति को नेत्रों से देखकर वाल्मीकिजी के मन में बड़ा भारी आनंद हो रहा है।
- वाल्मीकिजी ने लिखा है-मृत्यु के समय ज्ञानी रावण राम से व्यंग्य पूर्वक कहता है-' तुम तो मेरे जीते-जी लंका में पैर नहीं रख पाए।
- भावार्थ:-श्री सीतारामजी के गुणसमूह रूपी पवित्र वन में विहार करने वाले, विशुद्ध विज्ञान सम्पन्न कवीश्वर श्री वाल्मीकिजी और कपीश्वर श्री हनुमानजी की मैं वन्दना करता हूँ॥4॥
- माता अंजना जब रामावतार की कथा प्रारम्भ करतीं (रामावतार के पूर्व ही त्रिकालज्ञानी वाल्मीकिजी ने रामावतार का वर्णन ‘ वाल्मीकि रामायण ' में किया था ।
- भावार्थ:-आदिकवि श्री वाल्मीकिजी रामनाम के प्रताप को जानते हैं, जो उल्टा नाम (' मरा ', ' मरा ') जपकर पवित्र हो गए।
- ऋषिमुनी गंभीरता से बोले “ क्या आप अपने परिवार से पूछा कि तुम लोग इन पापों के उत्तरदायित्व को बांटना चाहते हो? ” वाल्मीकिजी ने बोला “ठीक है, मैं पूछता हूँ.
- भावार्थ:-(मुनि श्री रामजी के पास बैठे हैं और उनकी) मंगल मूर्ति को नेत्रों से देखकर वाल्मीकिजी के मन में बड़ा भारी आनंद हो रहा है।
- भावार्थ:-श्री सीतारामजी के गुणसमूह रूपी पवित्र वन में विहार करने वाले, विशुद्ध विज्ञान सम्पन्न कवीश्वर श्री वाल्मीकिजी और कपीश्वर श्री हनुमानजी की मैं वन्दना करता हूँ॥ 4 ॥