विक्रमोर्वशीयम् वाक्य
उच्चारण: [ vikermorevshiyem ]
उदाहरण वाक्य
- कालिदास ने संस्कृत में अनेक महाकाव्यों-रघुवंशम्, कुमारसम्भवम् तथा मेघदूत-एवं नाटकों-ऋतुसंहारम् अभिज्ञान शाकुंतलम्, विक्रमोर्वशीयम् और मालविकाग्निमित्रम्-की रचना की।उनसेउन्हें बड़ा स्नेह था।
- >> अमर चित्र कथा (हिन्दी) >> 612 उर्वशी612 उर्वशी<<खरीदेंअनन्त पई<<आपका कार्टमूल्य: $ 2.45 प्रकाशक: इंडिया बुक हाउस लिमिटेडआईएसबीएन: 81-7508-468-5प्रकाशित: जुलाई ०१, २००६पुस्तक क्रं:4787 मुखपृष्ठ:अजिल्दसारांश:संस्कृत नाटक विक्रमोर्वशीयम् पर आधारित...मुख्र्य पृष्ठ
- नाटक कालिदास के प्रमुख नाटक हैं-मालविकाग्निमित्रम् (मालविका और अग्निमित्र), विक्रमोर्वशीयम् (विक्रम और उर्वशी), और अभिज्ञान शाकुन्तलम् (शकुंतला की पहचान) ।
- संस्कृत रंगमंच की प्रयोग परंपरा के इतिहास की द्रष्टि से भास के नाटक स्वप्नवासवदत्तम्, प्रतिज्ञायौगंधरायणम् आदि तथा कालिदास के मालविकाग्निमित्र और विक्रमोर्वशीयम् आदि नाटकों की प्रस्तावना बहुत महत्त्वपूर्ण है।
- मेरे जो तर्क हैं वे ' विक्रमोर्वशीयम् ' की इस पंक्ति की याद दिलाते हैं-' कूजितं राजहंसानां, नेदं नूपुरशिंजितम् ' यह राजहंसों का कूजन है, कोई नूपुर-ध्वनि नहीं।
- प्राचीन साहित्य में उल्लेख मिलता है कि महाकवि भास के स्वप्नवासवदत्तम्, प्रतिज्ञायौगंधरायणम् तथा महाकवि कालिदास के अभिज्ञान शाकुन्तलम्, मालविकाग्निमित्र और विक्रमोर्वशीयम् आदि नाटकों का मंचन राजमहलों में ही होता था।
- कालिदास के प्रमुख नाटक हैं-‘ मालविकाग्निमित्रम् ' (मालविका और अग्निमित्र), ‘ विक्रमोर्वशीयम् ' (विक्रम और उर्वशी) और ‘ अभिज्ञान शाकुंतलम् ' (शकुंतला की पहचान) ।
- वाक्य के प्रारंभ में अव्यय के रूप में प्रयुक्त होता है तो प्रश्न सूचक अर्थ देता है, जैसे, अपि नामाहं पुरूरवा भवेयम् (विक्रमोर्वशीयम्)-क्या ही अच्छा होता यदि मैं पुरूरवा होता।
- कल जब मैंने कालिदास समारोह में विक्रमोर्वशीयम् की अपनी प्रस्तुति में छह ऋतुओं को ऋतुसंहार के सहारे प्रस्तुत किया तो कृष्णकान्त चतुर्वेदी बोले कि ऋतुसंहार के बारे में अब तक निश्चित नहीं है कि वह कालिदास की कृति है.
- आगे606 रानी दुर्गावती अनन्त पई पृष्ठ 31 मूल्य $ 2. 45अमर चित्र-कथा के हमारे महापुरुषों के जीवन से सम्बन्धित कहानियों का वर्णन....आगे607 सोने की मुहरोंवाली थैली अनन्त पई पृष्ठ 32 मूल्य $ 2.45सोने की मुहरोंवाली थैली की कथा...आगे612 उर्वशी अनन्त पई पृष्ठ 32 मूल्य $ 2.45संस्कृत नाटक विक्रमोर्वशीयम् पर आधारित...आगे618 मददगार बीरबल अनन्त पई पृष्ठ 30 मूल्य $ 2.45बीरबल शहंशाह अकबर के दरबार में एक रत्न थे।