विन्स्टन चर्चिल वाक्य
उच्चारण: [ vinesten cherchil ]
उदाहरण वाक्य
- लेकिन नतीजा क्या हुआ? इस घटनाचक्र के ठीक दो महीने बाद ब्रिटिश के प्रधानमंत्री सर विन्स्टन चर्चिल एक कुटिल मुस्कराहट मुस्कराते हुए ब्रिटिश की संसद में भाषण कर रहे हैं।
- प्रधानमंत्री विन्स्टन चर्चिल ने सर स्टेफ़ोर्ड क्रिप्स, जो युद्ध मंत्रिमंडल के सदस्य और राजनीतिक रूप से नेहरू के नज़दीकी तथा जिन्ना के परिचित थे, को संवैधानिक समस्याओं को सुलझाने के प्रस्तावों के साथ भेजा।
- विन्स्टन चर्चिल का यह वक्तव्य आजादी के 67 साल बीतने पर अपनी यथार्थता का यर्थाथ उसी प्रकार करा रहा है जैसे आग से जलने बाद शरीर पर मौजूद छाले अपनी उपस्थिति दिखा कर करते है।
- सन 1975 में युगांडा के राष्ट्रपति ईदी अमीन, जो राजनैतिक हत्याओं के लिए बदनाम थे, ने इंग्लैंड के तत्कालीन प्रधानमंत्री हीथ को एक ही साँस में हिटलर और बाद में विन्स्टन चर्चिल कहकर तारीफ कर डाली।
- प्रधानमंत्री विन्स्टन चर्चिल ने सर स्टेफ़ोर्ड क्रिप्स, जो युद्ध मंत्रिमंडल के सदस्य और राजनीतिक रूप से नेहरू के नज़दीकी तथा जिन्ना के परिचित थे, को संवैधानिक समस्याओं को सुलझाने के प्रस्तावों के साथ भेजा।
- उसके सर आगा खां से पुन: गहरे संबंध स्थापित हुए तथा उनके सम्पर्क से वे इंग्लैंड के नेता सर विन्स्टन चर्चिल से मिले और तभी से उनकी चर्चिल से निकटता आई तथा पत्र व्यवहार प्रारंभ हुआ।
- भारत की आज़ादी के सबसे बड़े खलनायक विन्स्टन चर्चिल का विचार था ” आम जीवन में झूठ बोला जाता है, अदालत में सफ़ेद झूठ और संसद से देश की जनता से बोले जाने के लिए आकड़ो का झूठ...
- संयुक्त राष्ट्रसंघ की वर्तमान संरचना सन् ज्ञढघढ अगस्त में ब्रिटिश प्रधानमंत्री विन्स्टन चर्चिल एवं अमेरिकी राष्ट्रपति रुजवेल्ट की न्यू फाउण्डलैण्ड दीप के नजदीक अटलाण्टिक महासागर में जलपोत में हर्ुइ मुलाकात में तय हर्ुइ परिणाम स्वरुप ' अटलाण्टिक अधिकार पत्र' निकला जिसमें आठ सिद्धांत थे ।
- जहां एक ओर ब्रिटिश अनुदार दल के नेताओं-ब्रिटेन में सर विन्स्टन चर्चिल तथा भारत के तत्कालीन वायसरायों लार्ड लिन लिथगो तथा लार्ड वेबल ने मुस्लिम लीग की मजहबी आधार पर पाकिस्तान की मांग तथा निर्माण के लिए मार्ग प्रशस्त किया, उसी भांति ब्रिटेन की लेबर पार्टी के अध्यक्ष प्रो.
- उस दौरान ब्रिटिश प्रधानमंत्री विन्स्टन चर्चिल से वार्ता पश्चात सम्राट जार्ज षष्ठम् ने अपनी डायरी में दर्ज किया था कि-‘‘ विन्स्टन चर्चिल ने मुझे यह कहकर आश्चर्यचकित कर दिया है कि उनके सभी सहयोगी और संसद के तीनों दल युद्ध के पश्चात् भारत को भारतीयों के हाथों में छोड़ने को उद्यत हैं।