विष्णु दिगम्बर पलुस्कर वाक्य
उच्चारण: [ visenu digamebr pelusekr ]
उदाहरण वाक्य
- विष्णु दिगम्बर पलुस्कर ने भिन्न-भिन्न स्थानों का भ्रमण करके संगीत का प्रचार एवं प्रसार करते हुए समाज में पुन: संगीत के प्रति सम्मानीय भाव स्थापित किया जो सम्भवत:
- विष्णु दिगम्बर पलुस्कर और उस्ताद अल्लादिया खां के समय रिकॉर्ड्स बनने शुरू हो गए थे पर तकनीक के प्रति संदेह के चलते उन्होंने रिकॉर्डिंग से साफ़ मना कर दिया.
- विष्णु दिगम्बर पलुस्कर और उस्ताद अल्लादिया खां के समय रिकॉर्ड्स बनने शुरू हो गए थे पर तकनीक के प्रति संदेह के चलते उन्होंने रिकॉर्डिंग से साफ़ मना कर दिया.
- अब कुछ भूल सुधार: १. 'कउन से पथिक, कहां कीन्ह हौ गमनवां?' यह गीत विष्णु दिगम्बर पलुस्कर ने नहीं उनके बेटे दत्तात्रेय विष्णु पलुस्कर यानी पलुस्कर जूनियर ने गाया है.
- राग भैरवी में निबद्ध यह वन्दना इसलिए भी रेखांकन योग्य है कि यह युगप्रवर्तक संगीतज्ञ पण्डित विष्णु दिगम्बर पलुस्कर द्वारा स्वरबद्ध परम्परागत सरस्वती वन्दना है, जिसे फिल्म में यथावत रखा गया था।
- भारतखण्डे एवं पं. विष्णु दिगम्बर पलुस्कर यह दो ऐसे महानसंगीतज्ञ हुए जिन्होंने संगीत के पुनरुद्धार के लिए परिश्रम किए और संगीतके आध्यात्मिक धरातल को सुदृढ़ रखते हुए ही उसकों सर्वजन सुलभ बनाने मेंमहत्त्वपूर्ण योगदान दिया.
- विष्णु दिगम्बर पलुस्कर यह दो ऐसे महान संगीतज्ञ हुए जिन्होंने संगीत के पुनरुद्धार के लिए परिश्रम किए और संगीत के आध्यात्मिक धरातल को सुदृढ़ रखते हुए ही उसकों सर्वजन सुलभ बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
- विष्णु दिगम्बर पलुस्कर यह दो ऐसे महान संगीतज्ञ हुए जिन्होंने संगीत के पुनरुद्धार के लिए परिश्रम किए और संगीत के आध्यात्मिक धरातल को सुदृढ़ रखते हुए ही उसकों सर्वजन सुलभ बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
- संगीत के क्षेत्र में पण्डित विष्णु नारायण भातखण्डे और पण्डित विष्णु दिगम्बर पलुस्कर ने स्वतंत्रता से पहले ही भारतीय संगीत को जनमानस में प्रतिष्ठित करने का जो अभियान छेड़ा था, उसका सार्थक परिणाम आज़ादी के बाद नज़र आने लगा था।
- वास्तव में पं विष्णु दिगम्बर पलुस्कर के समक्ष एक और भारतीय संगीत आध्यात्मिकता थी तो दूसरी ओर तत्कालीन ब्रिटिश सरकार द्वारा स्थापित ईसाई मिशनरी संस्थाओं के रूप में चलाए गए कालेज आदि की व्यवस्था थी जिसमें शिक्षा प्रदान करना एक मानवीय लक्ष्य (