वेशी वाक्य
उच्चारण: [ veshi ]
"वेशी" अंग्रेज़ी में
उदाहरण वाक्य
- पान देते हुए थवाइत्त वेशी पृथ्वीराज ने जो वक्र दृष्टि फेंकी, उससे जयचंद को भली भाँति निश्चय हो गया कि यह स्वयं पृथ्वीराज है, और उसने पृथ्वीराज का सामना डटकर करने का आदेश निकाला।
- पान देते हुए थवाइत्त वेशी पृथ्वीराज ने जो वक्र दृष्टि फेंकी, उससे जयचंद को भली भाँति निश्चय हो गया कि यह स्वयं पृथ्वीराज है, और उसने पृथ्वीराज का सामना डटकर करने का आदेश निकाला।
- हाँ कुछ क्षद्म वेशी इस समूह से उस समूह में आवाजाही लगाये रहते हैं-चेहरे पर मुखौटे लगाये मगर कौन कैसा है यह भी बहुत दिनों तक छुपा नहीं रहता-उघरहि अंत न होई निबाहू कालनेमि जिमी रावण राहू....
- इस वीर योद्धा को कोटि कोटि नमन सच में बन्दा बैरागी जी महाराणा प्रताप व वीर शिवाजी के सामान वीर योद्धा थे “छद्म वेशी तुर्कों ने धोखे से गुरु गोविन्द सिंह की हत्या करायी ”किरपा करके इस विषय पर कुछ प्रकाश डाले आप का बहुत बहुत धन्यवाद
- आरंभ में कोश के सहायक संपादक पंडित बालकृष्ण भट्ट, पंडित रामचंद्र शुक्ल, लाला भागवानदीन और बाबू अमीर सिंह के अतिरिक्त बाबू जगन्मोहन वर्मा, बाबू रामचंद्र वर्मा, पंडित वासुदेव मिश्र, पंडित रामवचनेश मिश्र, पंडित ब्रजभूषण ओझा, श्रीयुत वेशी कवि आदि अनेक सज्जन भी इस शब्दसंग्रह के काम में संमिलित थे।
- युवा साहित् यकार कृष् ण कुमार की गुणवत् ता एवं दुर्गाचरण मिश्र की संपादकीय विशिष् टता व नवोन् वेशी प्रज्ञा के कारण ‘ बढ़ते चरण शिखर की ओर ‘ हिन् दी साहित् य के इतिहास में एक ऐसी गद्य विधा का जन् म है जो साहित् यकारों की परख पर लिखा गया प्रथम पुरश् चरण है।
- आरंभ में कोश के सहायक संपादक पंडित बालकृष्ण भट्ट, पंडित रामचंद्र शुक्ल, लाला भागवानदीन और बाबू अमीर सिंह के अतिरिक्त बाबू जगन्मोहन वर्मा, बाबू रामचंद्र वर्मा, पंडित वासुदेव मिश्र, पंडित रामवचनेश मिश्र, पंडित ब्रजभूषण ओझा, श्रीयुत वेशी कवि आदि अनेक सज्जन भी इस शब्दसंग्रह के काम में संमिलित थे।
- अरे क्यो लडाई का आखडा बना रहे हो, भगवान अल्लहा सब एक ही है,क्यो ऎसी वेशी बाते लिख कर अपने आप को दोषी ओर गुनागार बना रहे हो, भाई मै न सब बातो से दुर रहना चाहता हुं, लेकिन सोचा तुम लोगो को समझा दे शायद कुछ समझ मै आ जाये.... अब छोडो इन झगडो को. धन्यवाद
- अरे क्यो लडाई का आखडा बना रहे हो, भगवान अल्लहा सब एक ही है, क्यो ऎसी वेशी बाते लिख कर अपने आप को दोषी ओर गुनागार बना रहे हो, भाई मै न सब बातो से दुर रहना चाहता हुं, लेकिन सोचा तुम लोगो को समझा दे शायद कुछ समझ मै आ जाये.... अब छोडो इन झगडो को. धन्यवाद
- बापू उनको फिर कहीं, वापस न ले जाँय || दो कन्याएं रो रहीं, मिला नहीं परिवार | कैसे हैं माता-पिता, कैसे देत विसार || पता किया जब हाल तो, मिला दुखद सन्देश | दक्षिण दिश को थे गए, असुरों के परदेश || शांता अब देने लगी, उनपर वेशी ध्यान | कैसे भी पूरे करूँ, इनके सब अरमान || अपने गहने भी किये, इस शाळा को भेंट | दो कपड़ों में रह रही, खुद को पुन: समेट ||