शबर स्वामी वाक्य
उच्चारण: [ shebr sevaami ]
उदाहरण वाक्य
- शबर स्वामी ने सूत्र विशेष के बिना ही “यज्ञायुध वाक्य” को निमित्त मानकर अनात्मवादी के मत का खंडन करते हुए आत्मस्वरूप को तर्क और श्रुतियों के द्वारा सिद्ध किया है जिससे वेद प्रामाण्य की भी सिद्धि होती है।
- शबर स्वामी ने सूत्र विशेष के बिना ही “यज्ञायुध वाक्य” को निमित्त मानकर अनात्मवादी के मत का खंडन करते हुए आत्मस्वरूप को तर्क और श्रुतियों के द्वारा सिद्ध किया है जिससे वेद प्रामाण्य की भी सिद्धि होती है।
- शबर स्वामी ने सूत्र विशेष के बिना ही “ यज्ञायुध वाक्य ” को निमित्त मानकर अनात्मवादी के मत का खंडन करते हुए आत्मस्वरूप को तर्क और श्रुतियों के द्वारा सिद्ध किया है जिससे वेद प्रामाण्य की भी सिद्धि होती है।
- इनमें कवि-कुलगुरू कालिदास, प्रकांड ज्योतिषी वराह मिहिर, आयुर्वेद के सर्वोपरि आचार्य धनवंतरी, वैयाकरण वरूरूचि, अमरकोष के रचयिता ओर बौध्द धर्म के आचार्य अमर सिंह, नीतिसार ग्रंथ के रचयिता घट कर्पर, ज्योतिष के विद्वान क्षपणक, तंत्र साधन और बैताल कथाओ के नाम से जनश्रुतियों में लोकप्रिय बैताल भट्ट और शबर स्वामी के पुत्र शंकु का उल्लेख मिलता है।
- इनमें कवि-कुलगुरू कालिदास, प्रकांड ज्योतिषी वराह मिहिर, आयुर्वेद के सर्वोपरि आचार्य धनवंतरी, वैयाकरण वरूरूचि, अमरकोष के रचयिता ओर बौध्द धर्म के आचार्य अमर सिंह, नीतिसार ग्रंथ के रचयिता घट कर्पर, ज्योतिष के विद्वान क्षपणक, तंत्र साधन और बैताल कथाओ के नाम से जनश्रुतियों में लोकप्रिय बैताल भट्ट और शबर स्वामी के पुत्र शंकु का उल्लेख मिलता है।