शान्त रस वाक्य
उच्चारण: [ shaanet res ]
उदाहरण वाक्य
- शान्त रस की अद्भुत छवि रूप, प्रभु की वन्दना कर रहे हैं देव-देवी मानव-गण!
- ‘अग्निपुराण ' [6] में ‘रति' के अभाव से शान्त रस की उत्पत्ति मानी गई है।
- शान्त “ रामचन्द्रिका ' के भाव-विधान में शान्त रस का भी महत्वपूर्ण स्थान है।
- शान्त रस की तरह ही उन्होंने भक्ति रस को वास्तविक ब्रह्मनन्द सहोदर बताया है।
- मम्मट-“निर्वेदस्थायिभावोऽस्ति नवमो रस: ”[17], अर्थात् निर्वेद स्थायीवाला शान्त रस नवाँ रस होता है।
- आगे के शास्त्रकारों ने शान्त रस के स्थायी भाव-विषयक उनके मत को स्वीकार नहीं किया।
- आगे के शास्त्रकारों ने शान्त रस के स्थायी भाव-विषयक उनके मत को स्वीकार नहीं किया।
- आप देखें कि शान्त रस का अनुभाव समभंग का होता है, उसमें कोई विक्षेप नहीं होता।
- इस प्रतिपत्ति से शान्त रस का महत्व अन्य रसों की तुलना में सर्वोपरी सिद्ध होता है।
- यदि सन्दर्भ होता तो शान्त रस या शृंगार रस की प्रधानता के आधार पर किसी एक