श्यामलाल चतुर्वेदी वाक्य
उच्चारण: [ sheyaamelaal cheturevedi ]
उदाहरण वाक्य
- कहानीकार जो छत्तीसगढ़ी कहानी को सतत् अपनी उर्जा से विकसित कर रहे हैं उनमें यहाँ श्यामलाल चतुर्वेदी, रामलाल निषाद, मंगत रवीन्द्र, भावसिंह हिरवानी, सुशील भोले, सुभदा मिश्र, डॉ. नलिनी श्रीवास्तव, निशीथ पांडेय की विविध कथानकों पर लिखी कहानियाँ पाठकों को बाँधने में समर्थ हैं ।
- इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रवींद्र चौबे, विधायक धर्मजीत सिंह, समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर, पत्रकार पं. श्यामलाल चतुर्वेदी, गोविंदलाल वोरा, पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर, मप्र लोकसेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष विनयशंकर दुबे ने भी आयोजन को संबोधित किया।
- यहां मंचित होने वाली लीला में गांव के गोकुल प्रसाद दुबे, राजाराम, कुंजराम के अलावा आसपास के भी अभिनेता होते, जिनमें जनकराम, सैदा, कपिल महराज, अमोरा, रामवल्लभदास, प्रभुदयाल, मदनलाल, श्यामलाल चतुर्वेदी और गउद वाले दादूसिंह रासधारी, प्रमुख नाम हैं।
- बिलासपुर से पधारे डॉ. विनय पाठक, श्री शिवप्रताप सावजी, डॉ. विनय सिन्हा जी, श्री सोमनाथ यादव, पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी, श्री पालेश्वर शर्मा, श्री गोविन्दराम मिरी, रामेश्वर कोसरिया सभी बड़े प्रसन्न मन से कार जीप में बैठकर रात में बिलासपुर आ जाते हैं।
- कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के अध्यक्ष श्री श्यामलाल चतुर्वेदी, संसदीय सचिव कोमल जंघेल, सचिदानंद उपासने, जिला पंचायत बिलासपुर की अध्यक्ष श्रीमती अंजना मुलकलवार, बिलासपुर नगर निगम की महापौर श्रीमती वाणी राव एवं अन्य जनप्रतिनिधि, विभिन्न क्षेत्रों से पधारे संतगण, मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी, सहयोगी, भक्तगण, पुरूष-महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
- इनमे वरिष्ठ साहित्यकार छत्तीसगढ़ी राज भाषा आयोग के अध्यक्ष, बिलासपुर निवासी पंडित श्यामलाल चतुर्वेदी की कहानी ' पतिबरता के पानी ' (पतिव्रता का पानी) और मगरलोड निवासी आचार्य डॉ. दशरथ लाल निषाद की कहानी ' परेतिन सन बिहाव ' (प्रेतनी के साथ शादी) भी उल्लेखनीय हैं.
- अंक में उनके अपने कुछ लेखों के साथ गजानन माधव मुक्तिबोध, आचार्य सरोज द्विवेदी, आनंद मूर्ति आत्मानंद, डॉ. खूबचंद बघेल, पं. श्यामाचरण शुक्ल, संत पवन दीवान, केयूर भूषण, श्यामलाल चतुर्वेदी जैसे म के संस्मरण तथा उनके समकालीन मित्रों के आलेख, कहानी, कविता भी शामिल हैं।
- इसके अलावा शहर में पं. श्यामलाल चतुर्वेदी, हरीश केडिया, डा. आरएसएल त्रिपाठी, बेनी प्रसाद गुप्ता, पं. नंदकिशोर शुक्ल, बजरंग केडिया जैसे समाज जीवन के सभी क्षेत्रों में इतने व्यापक संपर्क बने, जिनका नाम गिनाना मुझे संकट में तो डालेगा ही, इस लेख की पठनीयता को भी प्रभावित कर सकता है।
- जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सरला कोसरिया ने महासमुंद में, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री बिसेल नाग ने नारायणपुर में, वरिष्ठ साहित्यकार और छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री श्यामलाल चतुर्वेदी ने बिलासपुर में, नगर निगम के सभापति श्री सुरेश गोयल ने रायगढ़ में, नगर पालिका अध्यक्ष डॉ. एन.पी. गुप्ता ने धमतरी में, भोरमदेव मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री आनंद सिंह ने कवर्धा (कबीरधाम) में, वरिष्ठ समाजसेवी डॉ.
- 70 के दशक में पं. द्वारिका प्रसाद तिवारी, बाबू प्यारेलाल गुप्त, कोदूराम दलित, हरि ठाकुर, श्यामलाल चतुर्वेदी, कपिलनाथ कश्यप, बद्रीविशाल परमानंद, नरेन्द्र देव वर्मा, हेमनाथ यदु, भगवती सेन, नारायणलाल परमार, डॉ. विमल कुमार पाठक, लाला जगदलपुरी, केयूर भूषण, बृजलाल शुक्ल आदि ने छत्तीसगढ़ी साहित्य की विषय विविधता को सिद्ध कर दिखाया।