सत्य युग वाक्य
उच्चारण: [ sety yuga ]
उदाहरण वाक्य
- प्रजा फ़िर से पवित्र आचरण करेगी और उसकी संतान बलवान और दीर्घायु होगी उस समय सत्य युग का प्रारम्भ होगा, भगवान् वासुदेव फ़िर सबके ह्रदय में वास करेंगे।
- हिंदी, या सही मायने में संस्कृत, द्योतक है भाषा की 'भारत' (जो आरंभ में जम्बूद्वीप कहलाता था) में प्रगति/ उत्पत्ति का, शायद सबसे सरल भाषा, अंग्रेजी से आरंभ कर, कलियुग से सत्य युग तक पहुचते...
- अर्धोंदय योग के अवसर पर सत्य युग में वशिष्ठ जी ने, त्रेता में भगवान रामचंद्र जी ने, द्वापर में धर्मराज ने और कलियुग में पूर्णोदार (देव विशेष) ने अनेक प्रकार के दान, धर्म किए थे।
- उसके आरम्भ होने से पहले अस्तमान होने वाले युग के साथ 400 वर्षों का तथा उसके समाप्त होने के बाद आने वाले युग के साथ 400 वर्षों का उसका संधिकाल होता है इस प्रकार सत्य युग का वास्तविक काल 4800 वर्षों का होता है।
- सबकुछ होगा और सब कुछ चलेगा बिना किसी शब्द को बोले | यहीं सत या सत्य युग है | आपकी इच्छायें होने से पहले ही पूरी हो जाती है, प्यास लगने से पहले पानी मिल जायेगा, यही सत या सत्य युग है |
- सबकुछ होगा और सब कुछ चलेगा बिना किसी शब्द को बोले | यहीं सत या सत्य युग है | आपकी इच्छायें होने से पहले ही पूरी हो जाती है, प्यास लगने से पहले पानी मिल जायेगा, यही सत या सत्य युग है |
- एक ' प्राचीन भारतीय ' सोच यह भी है कि पृथ्वी पर जीवन एक परीक्षा थी, काल-चक्र में प्रवेश पाई आत्माओं की-कलियुग से सत्य युग तक (समुद्र-मंथन की कथा जैसे),,, यद्यपि हर आत्मा परमात्मा का ही स्वरुप थी...
- सर्वथा गलत पोस्ट है-पौराणिक सन्दर्भ के अनुसार राक्षसों का जन्म सत्य युग एक अंत में शयन किये हुए ब्रह्मा की श्वासों से हुआ था, जैसे ही राक्षसों का जन्म हुआ वैसे ही उनमें खून पीने की प्रवृत्ती जाग गयी, और उन्होंने ब्रह्मा का खून पीना शुरू कर दिया।
- और वर्तमान कलियुग / कलयुग है जिसमें सभी कल अर्थात मशीनें हैं-जो सौर-मंडल द्वारा संचालित हैं:) मानव सर्वश्रेष्ठ कृति होते हुए भी इस मशीन कि कार्यक्षमता किन्तु सत्य युग में १ ०० % से घट कलि युग में अधिकतम २ ५ % से न्यूनतम ० % के बीच में ही रह जाती है: (
- यही परम ज्ञान, अथवा परम ज्ञानी अमृत शिव है! देवताओं अर्थात हमारे सौर-मंडल के सदस्यों ने अमरत्व, अर्थात शिव को, गुरु बृहस्पति की देखरेख में क्षीर-सागर मंथन द्वारा चार चरणों में, विषैले ' कलियुग ' से आरम्भ कर-द्वापर और फिर त्रेता युग पार कर-सत्य युग के अंत में प्राप्त कि य...