समान पेंशन वाक्य
उच्चारण: [ semaan peneshen ]
उदाहरण वाक्य
- जनरल कादियान ने बताया कि उनकी सबसे बड़ी और बहुप्रतीक्षित मांग समान पद के लिए समान पेंशन दिए जाने की है, जिसके लिए देश भर में 23 लाख पूर्व सैनिक संघर्षरत हैं।
- राज्य सरकार से चिन्हित आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन एवं सरकारी सेवा में नियुक्ति प्रदान किये जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड राज्य निर्माण चिन्हित आंदोलनकारी मंच ने शहीद स्थल पर धरना दिया।
- उन्होंने सभी चिन्हित राज्य निर्माण आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन 5000 रुपये, सरकारी सेवाओं में योग्यतानुसार सीधी भर्ती, 50 वर्ष से ऊपर आयु के आंदोलनकारियों के एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग की।
- पूर्व सैनिकों की मांग है कि समान रैंक, समान पेंशन के अलावा मुख्य मांग भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं को फ्रीडम फाइटर की तर्ज पर एक समान पेंशन मिलना भी है जिसमें रैंक का भेदभाव न रखा जाए।
- पूर्व सैनिकों की मांग है कि समान रैंक, समान पेंशन के अलावा मुख्य मांग भूतपूर्व सैनिकों की विधवाओं को फ्रीडम फाइटर की तर्ज पर एक समान पेंशन मिलना भी है जिसमें रैंक का भेदभाव न रखा जाए।
- आंदोलनकारी सभी चहि्न्ति आंदोलनकारियों को राज्य निर्माण सेनानी का दर्जा, सभी चिह्न्ति आंदोलनकारियों को दस प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण और सभी चहि्न्ति आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन देने की मांग को लेकर आंदोलनकारियों की भूख हड़ताल को सात दिन हो गए हैं।
- बुधवार को शहीद स्मारक में संगठन की पत्रकार वार्ता में अध्यक्ष जितेंद्र चौहान ने कहा कि 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री ने कार्ड धार चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों की तीन सूत्रीय मांग पर समान पेंशन देने की घोषणा की थी।
- यहां शहीद स्थल पर सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ धरने पर बैठे वक्ताओं ने कहा कि चिन्हित राज्य निर्माण आंदोलनकारी वर्षों से एक समान पेंशन एवं अन्य सुविधाओं की जायज मांग को लेकर आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है।
- औपचारिक पेंशन योजनाओं के दायरे में आने वाले और आयकर देने वाले बुजुर्गो को छोड़कर बाकी सभी बुजुर्गो के लिए एक समान पेंशन की मांग पर त्वरित प्रतिक्रिया यही होती है कि यह अव्यावहारिक मांग है, जिसे माना नहीं जा सकता और देश इस तरह की पेंशन का ‘बोझ' नहीं वहन कर सकेगा।
- उत्तराखंड राज्य निर्माण चिन्हित आंदोलनकारी मंच ने राज्य सरकार से चिन्हित आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन एवं सरकारी सेवा में नियुक्ति प्रदान किये जाने की मांग को लेकर शहीद स्थल पर प्रदर्शन करते हुए क्रमिक अनशन शुरू कर दिया और कहा है कि मांगें न माने जाने पर 9 नवम्बर से आमरण अनशन शुरू किया जायेगा।