सारु वाक्य
उच्चारण: [ saaru ]
उदाहरण वाक्य
- अठै रा टाबर भी विदेसी पांवणा ज्यूं ऊँट सवारी रो कोड करै! ठेठ देसी निसाणियां सैरां में परदेसियाँ ने बतावण सारु रैगी है.
- कुमारी को सारु उम्र इस तरह कुमारी रहना पड़ता है राजश्री ने यह कह कर अपना चेहरा दोनों हाथों से इस तरह धक् लिया जैसे पुरुष की गंध में सांस लेने से भी डरती हो...
- चिरोटी मसाला दोसा रोटी भरवां कोलोकेशिया साग धारवाड़ पेड़ा गोकाक सारु मज्जिगे हुली केम्पन्ना सज्जिगे बजील सांभर येन्ने पैडी करी सोप्पू पाल्या उस्ली झोल्का पंडी करी कोली करी बेम्ब्ला करी तालिपट्टू मैसूर पाक ओबट्टू कर्दंतु शैविगे पायस कूटु रागी मन्नी जोडा मुद्दे
- देवेन्द्र कैरवान (शोध सहायक, आई.आई.टी, मुम्बई)-“यनु हो मेरु उत्तराँचल”चला अपणा उत्तराँचल तैं हम प्यारु बणौलादुनिया मा हम भी अपणी इक पहचाण बणौलालोगू मा प्यार-मोहब्बत हो जखदुःख-विपदा मा इक दूसरा कू सारु हो जखचला अपणा उत्तराँचल तैं हम प्यारु बणौलादुनिया मा हम भी अपणी इक पहचाण बणौलाफूलू मा
- कुमारी को सारु उम्र इस तरह कुमारी रहना पड़ता है राजश्री ने यह कह कर अपना चेहरा दोनों हाथों से इस तरह धक् लिया जैसे पुरुष की गंध में सांस लेने से भी डरती हो...और बोली यह कुमारी राज का कानून नहीं है पर जो कुमारी से शादी करता है वह मर जाता है ऐसा कहा जाता है..
- बस सारु की तरह कुछ व्यंजन जो मसालेदार सब्जियों या साग सब्जी के स्टॉक सहित तैयार सब्जियों से बनते हैं, उप सारू एक और दाल का शोरबा है जो चावल या मुद्दे के साथ खाए जाते, मोसुपू जो मसला हुआ मसालेदार दाल है, मसाकी, जो मसला हुआ मसालेदार साग है, इस क्षेत्र से ठेठ घर की शैली के भोजन हैं.
- बस सारु की तरह कुछ व्यंजन जो मसालेदार सब्जियों या साग सब्जी के स्टॉक सहित तैयार सब्जियों से बनते हैं, उप सारू एक और दाल का शोरबा है जो चावल या मुद्दे के साथ खाए जाते, मोसुपू जो मसला हुआ मसालेदार दाल है, मसाकी, जो मसला हुआ मसालेदार साग है, इस क्षेत्र से ठेठ घर की शैली के भोजन हैं.
- सारु जी सस्नेह अभिवादन! आपकी इस ख़ूबसूरत रोमांटिक पोस्ट पर इतना विलंब से पहुंचा हूं …दो लफ्ज़ो में आज, मेरी उनसे बात हुई,प्यार से पहली आज, मेरी मुलाक़ात हुई!छलक उठे ख़्वाहिशों के पैमाने,लगी मेरी आहे भी शर्माने,जैसे शादी से पहले, विदाई की रात हुई, …लेकिन, कविता का रस पा सका …:) लगे जैसे प्यार के मौसम में, प्यार की बरसात हुई… आपका हिंदी में सृजन यूं ही उत्तरोतर प्रगति-पथ पर अग्रसर होता रहे … मंगलकामनाओं सहित…-राजेन्द्र स्वर्णकार