सिद्धान्त शिरोमणि वाक्य
उच्चारण: [ sidedhaanet shiromeni ]
उदाहरण वाक्य
- सिद्धान्त शिरोमणि के गोलाध्याय नामक खंड में विभिन्न ग्रहों की गति तथा ज्योतिष सम्बन्धी यन्त्रों की कार्य प्रणाली पर पर प्रकाश डाला गया है।
- प्रसिद्ध ज्योतिषी भास्कराचार्य ने इनको ' गणकचक्र-चूड़ामणि ' कहा है और इनके मूलाकों को अपने ' सिद्धान्त शिरोमणि ' का आधार माना है।
- भास्कराचार्य सिद्धान्त शिरोमणि ग्रंथ के यंत्राध्याय प्रकरण में कहते हैं, “ काल ” के सूक्ष्म खण्डों का ज्ञान यंत्रों के बिना संभव नहीं है।
- सन् ११ ५ ० ई 0 में इन्होंने सिद्धान्त शिरोमणि नामक पुस्तक, संस्कृत श्लोकों में, चार भागों में लिखी है, जो क्रम से इस प्रकार है:
- लीलावती, भारतीय गणितज्ञ भास्कर द्वितीय द्वारा सन ११५० ईस्वी में संस्कृत में रचित, गणित और खगोल शास्त्र का एक प्राचीन ग्रन्थ है, साथ ही यह सिद्धान्त शिरोमणि का एक अंग भी है।
- लीलावती, भारतीय गणितज्ञ भास्कर द्वितीय द्वारा सन ११५० ईस्वी में संस्कृत में रचित, गणित और खगोल शास्त्र का एक प्राचीन ग्रन्थ है, साथ ही यह सिद्धान्त शिरोमणि का एक अंग भी है।
- सिद्धान्त शिरोमणि के गणिताध्याय नामक खंड में ग्रहों के बीच सापेक्षिक गति तथा ग्रहों की निरपेक्ष गति की चर्चा के साथ-साथ काल, दिशा तथा स्थान सम्बन्धी समस्याओं के समाधान पर प्रकाश डाला गया है।
- सिद्धान्त शिरोमणि ' में यह लिखा जा चुका था कि भारी पदार्थ (अपने भार से) पृथ्वी पर गिरते मालूम होते हैं, पर यह पृथ्वी का आकर्षण है जो उन्हें नीचे खींच लाता है ।
- लीलावती के प्रश् नों का जबाब देने के क्रम में ही “ सिद्धान्त शिरोमणि ” नामक एक विशाल ग्रन्थ लिखा गया, जिसके चार भाग हैं (१) लीलावती (२) बीजगणित (३) ग्रह गणिताध्याय और (४) गोलाध्याय।
- -' सिद्धान्त शिरोमणि ' के रचयिता हैं सुविख्यात भारतीय गणितज्ञा एवं ज्योतिषाचार्य भास्कराचार्य!-पृथ्वी के द्वारा सूर्य की परिक्रमा करने में लगने वा ल... प्यार की जलधारा! छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर विशेष एक परीक्षा है....... जीवन....! ये कैसी प्रक्रिया है..... क्या मेरी प्रतिक्रिया है... समेटना... सहेजना... संजोना... संवरना-संवारना..... खिलना-खिलाना...