सुनहरा संसार वाक्य
उच्चारण: [ sunheraa sensaar ]
उदाहरण वाक्य
- लगा कि ‘ नवयुग ' के इस काल में शोषण, उत्पीड़न, बैर विरोध, अपराध सब छूमंतर हो जाएंगे और हम सचमुच एक नया सुनहरा संसार बना डालेंगे ।
- अभिमत एशिया साप्ताहिक, नव भारत, क्राइम इश्यु मासिक पत्रिका, सत्य प्रहरी मासिक पत्रिका, सुनहरा संसार मासिक पत्रिका, दैनिक भास्कर, सच का उजाला समाचार पत्र को भी अपनी सेवाएं दीं.
- अल्लसुबह आंख खुलते ही मेरे सामने पसरा था विज्ञापन का सुनहरा संसार `दूध सी सफ़ेदी ' `अब और भी सफ़ेद' `और भी झागदार'की चिल्ल-पों `अब और भी सफ़ेद'नकार रहा था पुरानी सफ़ेदी को जो उसी कंपनी का प्रोडक्ट था
- तमाम सम-सामयिक विषमताओं के बावजूद नयना ने रंगों के संसार से नाता जोड़ लिया है जहाँ मन की कल्पनाओं के बि ब जब कैनवास पर उतरते हैं तब अन्तस् के रंगों का सुनहरा संसार नृत्य करने लगता है।
- प्रिय श्री चातक जी सपनों का सुनहरा संसार, हकीकत से कितना दूर होता है | आपके संवेदनशील ह्रदय से लिखी गयी यह अनमोल पोस्ट तो बस पढ़ते ही बनी है | हर आँखों में पलता सपना......मन भर गया........
- उद्योगपतियों के लिए ये आँकड़े उनकी केशबुक में लिखे लाभ-हानि का प्रतीक होते हैं Thu, 10 Jul 2008 10:43:58 GMT http://hindi.webdunia.com/news/career/options/0807/10/1080710014_1.htm अपनाएँ साइबर लॉ का सुनहरा संसार http://hindi.webdunia.com/news/career/options/0807/03/1080703012_1.htm इन दिनों एक नए किस्म के अपराध ने न्याय प्रक्रिया को उलझन में डाल रखा है।
- अल् लसुबह आंख खुलते ही मेरे सामने पसरा था विज्ञापन का सुनहरा संसार ` दूध सी सफ़ेदी ' ` अब और भी सफ़ेद ' ` और भी झागदार ' की चिल्ल-पों ` अब और भी सफ़ेद ' नकार रहा था पुरानी सफ़ेदी को जो उसी कंपनी का प्रोडक्ट था
- इन दक्षिण भारतीय निर्देशकों में एस. एस. वासन (संजोग), बी. आर. पंथालु (दिल तेरा दीवाना), ए.भ ीम सिंह (पूजा के फूल), श्रीधर (नई रोशनी), ए.स ुब्बाराव (सुनहरा संसार), के. विजयन (ये रिश्ता न टूटे) और ए.त ्रिलोक चंद (बाबू) उल्लेखनीय हैं.
- वेनिस में 1935 के तीसरे ‘ सिनेमेट्रोग्राफ़िक आर्ट एक्जीबिशन ' में उसे स्वर्ण पदक मिला था। के. सी. डे के स्वरबद्ध कुछ और उल्लेखनीय फ़िल्मों के नाम हैं-' सुनहरा संसार ' (1936), ' मिलाप ' (1937), ' आँधी ' (1940), ' मेरा गाँव ' (1942), ' तमन्ना ' (1942), ' बदलती दुनिया ' (1943), ' सुनो सुनाता हूँ ' (1944), ' देवदासी ' (1945), ' दूर चलें ' (1946) ।