सूवा वाक्य
उच्चारण: [ suvaa ]
उदाहरण वाक्य
- बीच बीच में मंच संचालन कर रहे भारतीय उच्चायोग, सूवा के द्वितीय सचिव (हिंदी) रामवीर प्रसाद ने काका हाथरसी सहित अन्य हास्य कवियों की कविताओं एवम गज़लों से सभागार में उपस्थित 150 लोगों का भरपूर मनोरंजन किया ।
- ता. 10-0 1-2012, को सूवा स्थित भारतीय उच्चायोग के भरतीय सांस्कृतिक केंद्र के सभागार में सांय 6 बजे से 9 बजे तक विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया ।
- चतुराई क्या कीजिये, जो नहिं शब्द समाय कोटिक गुन सूवा पढै, अंत बिलाई खाय “ उस चतुरता से क्या लाभ? जब सतगुरु के ज्ञान-उपदेश के निर्णय और शब्द भी हृदय में नहीं समाते और उस प्रवचन का भी फिर क्या लाभ हुआ।
- ref > सुजस प्रबंध: छन्द 75, p. 73 / ref > '' ' स्यामराय सूवा '' ' ने [[Maharaja Chhatra Singh Rana | राजा छतरसिंह]] से पूरी तैयारी के साथ युद्ध किया था, लेकिन उनकी सारी तैयारियां असमर्थ रहीं.
- चतुराई क्या कीजिये, जो नहिं शब्द समाय कोटिक गुन सूवा पढै, अंत बिलाई खाय संत शिरोमणि कबीर दासजी कहते हैं कि उस चतुरता से क्या लाभ? जब सतगुरु के ज्ञान-उपदेश के निर्णय और शब्द भी हृदय में नहीं समाते और उस प्रवचन का भी फिर क्या लाभ हुआ।
- कुछ मिलाकर लंबासा, लटोका और सूवा में आयोजित 2-2 दिन की कार्यशाला में 142 शिक्षकों को प्रमाण पत्र एवं भारतीय उच्चायोग की ओर से उप-सचिव हिंदी, विदेश मंत्रालय से प्राप्त हिंदी की ज्ञानोपयोगी पुस्तकें एवं शब्द कोश भेंट स्वरुप प्रदान किए गए ।
- अतः उसने सोचा कि इस से लड़कर बैर क्यों किया जा ए. यह सोचकर उसने देश को प्रस्थान किया. ref > सुजस प्रबंध: छन्द 80, p. 77 / ref > '' ' 81 वें छंद '' ' में '' ' छत्र सिंह '' ' और '' ' रघुनाथराव '' ' के युद्ध का वर्णन करते हुए कवि का कथन है कि पेशवा ने उत्तेजित स्वर में बातें कहीं, जिनको सुनकर सूवा सरदार बुरी तरह लज्जित हु ए.
- भारतीय उच्चायोग, सूवा के द्वितीय सचिव (हिंदी एवम् संस्कृति) रामवीर प्रसाद द्वारा तीन सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला में “ अनुवाद क्या है ”, “ अनुवाद की आवश्यकता एवम् महत्व ”, “ अनुवाद के प्रकार ”, “ सामान्य जीवन में अनुवाद ”, “ ब हु भाषी समाज में अनुवाद की प्रासंगिकता ” (फिजी के विशेष संदर्भ में) और “ फिजी में आज प्रचलित शब्दावली के लिए उचित मानक शब्दों का प्रयोग ” आदि विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।