हठयोग प्रदीपिका वाक्य
उच्चारण: [ hetheyoga perdipikaa ]
उदाहरण वाक्य
- हठयोग प्रदीपिका ” के अनुसार ' ह ' का अर्थ सूर्य और ' ठ ' का अर्थ है चन् द्रमा और दोनों को जोड़ का नाम हठयोग है।
- हठयोग के बहुत से ग्रंथ जैसे हठयोग प्रदीपिका, गोरख पद्धति तथा शिव संहिता में शरीर को ताकतवर और साधना के अनुरूप बनाने की विधियां दी हुई हैं।
- घेरंड में 25 और हठयोग प्रदीपिका में 10 मुद्राओं का उल्लेख मिलता है, लेकिन सभी योग के ग्रंथों की मुद्राओं को मिलाकर कुल 50 से 60 हस्त मुद्राएँ हैं।
- घेरंड में 25 और हठयोग प्रदीपिका में 10 मुद्राओं का उल्लेख मिलता है, लेकिन सभी योग के ग्रंथों की मुद्राओं को मिलाकर कुल 50 से 60 हस्त मुद्राएं हैं।
- घेरंड में 25 और हठयोग प्रदीपिका में 10 मुद्राओं का उल्लेख मिलता है, लेकिन सभी योग के ग्रंथों की मुद्राओं को मिलाकर कुल 50 से 60 हस्त मुद्राएं हैं।
- घेरंड में 25 और हठयोग प्रदीपिका में 10 मुद्राओं का उल्लेख मिलता है, लेकिन सभी योग के ग्रंथों की मुद्राओं को मिलाकर कुल 50 से 60 हस्त मुद्राएँ हैं।
- घेरंड में 25 और हठयोग प्रदीपिका में 10 मुद्राओं का उल्लेख मिलता है, लेकिन सभी योग के ग्रंथों की मुद्राओं को मिलाकर कुल 50 से 60 हस्त मुद्राएँ हैं।
- घेरंड में 25 और हठयोग प्रदीपिका में 10 मुद्राओं का उल्लेख मिलता है, लेकिन सभी योग के ग्रंथों की मुद्राओं को मिलाकर कुल 50 से 60 हस्त मुद्राएं हैं।
- हठयोग प्रदीपिका ” है जो 15 वीं शताब् दी में लिखी गई और जिसके रचयिता हैं स् वामी गोरखनाथ के शिष् य ' स् वामी स् वतम् राम ', जिन् होंने निजी अभ् यास के आधार निम् नलिखित विषयों को लिखा है: