हसदेव नदी वाक्य
उच्चारण: [ hesdev nedi ]
उदाहरण वाक्य
- डॉ. रमन सिंह ने जिले के बुन्देली-छिपछिपी मार्ग पर हसदेव नदी में चार करोड़ 72 लाख रूपए की लागत से बनने वाले पुल का भी भूमिपूजन और शिलान्यास किया।
- रोगियों की जीवटता का इतना वर्णन काफी है कि जब हसदेव नदी पर अहमदाबाद एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त हुई तो इन्ही कर्मयोगियों ने तत्परता दिखाई और एम्बुलेंस से लेकर सारी चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराई।
- सरकार ने हाल के दिनों में रोगदा बांध, महानदी और हसदेव नदी के पानी को निजी कंपनियों को सौंपने का जो फैसला किया है उसका विरोध भी देखने को मिल रहा है।
- राज्य शासन द्वारा निस्तारी और पेयजल के लिए जांजगीर-चांपा जिले के विकासखण्ड बम्हनीडीह में हसदेव नदी पर चांपा एनीकट के लिए आठ करोड़ इकतालिस लाख रूपए की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गयी है।
- पूर्व में तत्कालिन केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री कमलनाथ को नागरिकों ने हजारों की संख्या में पोस्टकार्ड भेजकर हसदेव नदी को देश की प्रदूषित नदियों में शामिल कर इसके उत्थान के लिए योजना बनाने की अपील की थी।
- जांजगीर-चांपा जिलान्तर्गत जांजगीर जिला मुख्यालय से ११ कि. मी. और दक्षिण पूर्वी मध्य रेल्वे के चांपा जंक्शन से मात्र ८ कि.मी. की दूरी पर हसदेव नदी के दक्षिणी तट पर स्थित पीथमपुर का काले वरनाथ भी एक है।
- जांजगीर-चांपा जिलान्तर्गत जांजगीर जिला मुख्यालय से 11 कि. मी. और दक्षिण पूर्वी मध्य रेल्वे के चांपा जंक्शन से मात्र 8 कि. मी. की दूरी पर हसदेव नदी के दक्षिणी तट पर पीथमपुर में कालेश्वरनाथ का एक मंदिर है।
- जांजगीर-चांपा जिलान्तर्गत जांजगीर जिला मुख्यालय से ११ कि. मी. और दक्षिण पूर्वी मध्य रेल्वे के चांपा जंक्शन से मात्र ८ कि. मी. की दूरी पर हसदेव नदी के दक्षिणी तट पर स्थित पीथमपुर का काले वरनाथ भी एक है।
- अन्य दर्शनीय स्थलों में हसदेव नदी का उद्गम स्थल आमापानी, खेकड़ा माड़ा हिलटॉप, नीलकंठ जल-प्रपात, च्यूल जल-प्रपात, गांगीरानी माता की गुफा, आनंदपुर, बीजाधुर, सिद्धबाबा की गुफा, खोहरा पाट, छतोडा की गुफा, नेउर नदी प्रमुख हैं।
- फोटो कैप्शनफोटो 21 जेएएन 10: चांपा। सावन का माह समाप्त होते-होते हसदेव नदी अब शबाब पर आ गया है। ऊपरी इलाकों में लगातार हो रही बारिश के बाद चांपा में नदी पर बने एनिकट के ऊपर से पानी चल रहा है। ऐसे में इस एनिकट का शार्टकट मार्ग के रूप में उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस एनिकट से होकर लछनपुर और आसपास के कई गांव के लोग शहर तक पहुंचते थे। अब लोगों को तीन किमी घूमकर मुख्य पुल पार करके शहर आना पड़ रहा है।