×

हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम वाक्य

उच्चारण: [ hinedu utetraadhikaar adhiniyem ]

उदाहरण वाक्य

  1. यदि किसी व्यक्ति / हिन्दू ने अपनी स्वंय की अर्जित आय से कोई सम्पत्ति खरीदी है तो वह हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम की व्यवस्था से भिन्न तरीके से सम्पत्ति को किसी अन्य पक्ष के हित में अधिकृत कर सकता है।
  2. अब यदि उत्तराधिकार की बात करें तो हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम १ ९ ५ ६ में अगस्त २ ०० ५ के संशोधन द्वारा सभी राज्यों में पैत्रक संपत्ति में पुत्रियों को बराबर हिस्सा दिलाये जाने की व्यवस्था की गयी है.
  3. विद्वान अधीनस्थ न्यायालय ने यह माना कि यदि प्रश्नगत सम्पत्ति की वसीयत न मानी जाये तब हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार वादी का प्रश्नगत सम्पत्ति में एक निश्चित भाग था और वसीयत है या नहीं, यह साक्ष्य का विषय है।
  4. हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 की धारा 8 एवं 10 के अनुसार पुत्री अनुसूची के वर्ग-1 मे आती है जबकि भाई वर्ग-2 मे आता है जिसके फलस्वरूप प्रष्नगत प्रतिकर धनराषि स्व0 ग्वाणूदास की पुत्रियों, वादनी एवं तरतीवी प्रतिवादीगण प्राप्त करने की अधिकारी होगी।
  5. कौशिक आशा, नारी सशक्तीकरण, पोइन्टर पब्लिशर्स, जयपुर में प्रकाशित प्रकाश चन्द्र जैन का आलेख ‘ हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 एवं महिला सशक्तीकरण, पृ. 206. 5.5-Maxmuller, Sacred Book of East, XIV 6.
  6. अधिगृहित भूमि कृशि भूमि थी अतः उसके सम्बन्ध मे पारित प्रतिकर को प्राप्त करने का अधिकारी प्रतिवादी ही है क्योकि कृशि भूमि के सम्बन्ध मे हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के प्राविधान लागू नही होते है बल्कि जमीदारी उन्मूलन अधिनियम के प्राविधान लागू होते है।
  7. वर्तमान प्रकरण मे यह सुनिष्चित किया जाना है कि प्रष्नगत प्रतिकर धनराषि का भुगतान हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 के अनुसार होगा अथवा उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेष जमीदारी विनाष 11 एवं भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपान्तरण आदेष, 2001) की धारा 171 के अनुसार होगा।
  8. आजादी के 1955-1956 में डॉ. आंबेडकर ने हिन्दू विवाह अधिनियम, हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम आदि कानून महिलाओ के पक्ष में पारित करवाए, जिनका देश भर में कट्टरपंथी सनातनी लोगों द्वारा विरोध हुआ, जबकि भारतीय महिला फेडरेशन जैसे संगठनों ने इनका समर्थन किया।
  9. प्रकाश चन्द्र जैन आशा कौशिक द्वारा सम्पादित पुस्तक ‘ नारी सशक्तीकरण में ‘ हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956 एवं महिला सशक्तीकरण के अन्तर्गत लिखते हैं, ‘‘ प्राइवेट (निजी) सम्पत्ति की संकल्पना का उद्भव और विकास होने पर स्त्री धीरे-धीरे अपनी प्रस्थिति को खोती चली गयी।
  10. इसी प्रकार उभय-पक्ष के अन्य भाई नवीनचंद्र रावत की मृत्यु अविवाहित रहते हुए होने से उनके नाम की दो बंदूकों को बिना उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र प्राप्त किये बिना अपने प्रभाव का प्रयोग कर अपने पुत्र शिशिर के नाम करा दी गई जबकि हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के अन्तर्गत अविवाहित पुरूष की मृत्यु उपरान्त उसकी समस्त सम्पत्ति पर प्रथम अधिकार उसके माता-पिता का होता हैं।
अधिक:   पिछला  आगे


के आस-पास के शब्द

  1. हिन्दुस्तानी संगीत
  2. हिन्दू
  3. हिन्दू अविभक्त परिवार
  4. हिन्दू अविभाजित परिवार
  5. हिन्दू आतंकवाद
  6. हिन्दू उत्सव
  7. हिन्दू ऐक्य वेदी
  8. हिन्दू कथा
  9. हिन्दू काल गणना
  10. हिन्दू कालगणना
PC संस्करण
English


Copyright © 2023 WordTech Co.