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वाक्य

उच्चारण: [ l ]

उदाहरण वाक्य

  1. इन 12 स्वरों के अतिरिक्त देवनागरी के चार और स्वर ऋ, ॠ, ऌ तथा हैं जो कि सीधे कंठ से उत्पन्न नहीं होते किन्तु माने स्वर ही जाते हैं।
  2. इन 12 स्वरों के अतिरिक्त देवनागरी के चार और स्वर ऋ, ॠ, ऌ तथा हैं जो कि सीधे कंठ से उत्पन्न नहीं होते किन्तु माने स्वर ही जाते हैं।
  3. यदि, इ, उ, ॠ, के बाद अ, इ, उ, ॠ, ॡ, ए, ओ, ऐ, औ रहें तो इ, उ, ॠ तथा ॡ के स्थान पर क्रमशः य, व, र, ल, होता है।
  4. यदि, इ, उ, ॠ, ॡ के बाद अ, इ, उ, ॠ, ॡ, ए, ओ, ऐ, औ रहें तो इ, उ, ॠ तथा के स्थान पर क्रमशः य, व, र, ल, होता है।
  5. यदि, इ, उ, ॠ, के बाद अ, इ, उ, ॠ, ॡ, ए, ओ, ऐ, औ रहें तो इ, उ, ॠ तथा ॡ के स्थान पर क्रमशः य, व, र, ल, होता है।
  6. यदि, इ, उ, ॠ, ॡ के बाद अ, इ, उ, ॠ, ॡ, ए, ओ, ऐ, औ रहें तो इ, उ, ॠ तथा के स्थान पर क्रमशः य, व, र, ल, होता है।
  7. नीचे और ऊपर के दाँतों को मिलाकर उनपर जीभ लगाकर बिना स्वर लगाए Æ की ध्वनि हृस्व, दीर्घ, प्लुत में करेंगे तो Æ, , Æ ३ का सही उच्चारण निकलेगा।
  8. अ क आ का अॅ कॅ ऑ कॉ इ कि ई की उ कु ऊ कू ऎ कॆ ए के ऐ कै ऒ कॊ ओ को औ कौ ऋ कृ ॠ कॄ ऌ कॢ कॣ
  9. वास्तव में हिन्दी के लिये देवनागरी लिपि को अपनाया गया है जिसके स्वरों में “ ऋ, ॠ, ऌ और ” भी आते हैं जिनमें से अंतिम तीन का संस्कृत में तो प्रयोग होता है पर हिन्दी में नहीं।
  10. यदि पाणिनि उपर्युक्त प्रत्याहारों का प्रयोग नही करते तो उन्हे कहना पड़ता: यदि, इ, उ, ॠ, के बाद अ, इ, उ, ॠ, ॡ, ए, ओ, ऐ, औ रहें तो इ, उ, ॠ तथा ॡ के स्थान पर क्रमशः य, व, र, ल, होता है।
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