१५७६ वाक्य
उच्चारण: [ 1576 ]
उदाहरण वाक्य
- उपरोक्त अन्तर के आधार पर १५७६ ईसा पूर्व के अनुसार विक्रमी संवत, सप्तर्षि संवत, कलियुग संवत और प्राचीन सप्तर्षि आदि में वर्ष आदि निकाले जा सकते है।
- तब गोपालजी ने जमीन पर आसन जमाकर कोड क्रमांक ४२३ वाले इस ‘ए-फोर ' साइज़ से भी बड़े १५७६ पृष्ठों वाले ‘मानक अंग्रेजी-हिन्दी कोश' (१९८३) को बाहर निकालने का प्रयास किया।
- वाही से गुजरते वक़्त राजपूतों और भीलों ने शाही सेना पर आक्रमण किया. २१ जून १५७६ को हुए इस युद्ध में एक बारगी अचानक हुए हमले से मुग़ल काफी पीछे भाग खड़े हुए.
- मस्जिद का मुख्य प्रवेशमार्ग बुलन्द दरवाजे (बड़ा प्रवेशद्वार) से होकर जाता है, जिसका निर्माण १५७६ में हुआ था. यह ५४मीटर ऊँचा है. और अकबर की गुजरात अभियान की विजयोपरान्त वापसी में उत्सव मनाया गया।
- संवत् १५७६ में जन्में सावंतसिंह ने तो कृष्ण भक्तिमें राजपाट का त्यागकर वृन्दावन वास शुरू कर दिया था, अपना नाम नागरीदासरख लिया था, गोस्वामी रणछोड़दास जी से दीक्षा लेकर ब्रजभाषा मे उत्कृष्टभक्ति रचना की थी.
- महाराणा की सेना की अगुवाई कर रहे थे पठान वीर हाकिम खान सूरी! १८ जून १५७६ की सुबह लोसिंग से महाराणा की सेना मुग़ल सेना पर आक्रमण करने निकली और मुग़ल सेना भी मोलेला से प्रताप से भिड़ने आ पहुची!
- गीताप्रेस गोरखपुर के श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार के अनुसार रामचरितमानस को लिखने में गोस्वामी तुलसीदास जी को २ वर्ष ७ माह २६ दिन का समय लगा था और संवत् १६३३ (१५७६ ईस्वी) के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाह के दिन उसे पूर्ण किया था.
- गीताप्रेस गोरखपुर के श्री हनुमान प्रसाद पोद्दार के अनुसार रामचरितमानस को लिखने में गोस्वामी तुलसीदास जी को २ वर्ष ७ माह २६ दिन का समय लगा था और संवत् १६३३ (१५७६ ईस्वी) के मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष में रामविवाह के दिन उसे पूर्ण किया था.
- हल्दी घाटी का युद्ध लगातार चार साल प्रयास करने से भी प्रताप अपने अधीन नहीं हुवा इस बात को लेकर कुंवर मानसिंह की अध्यक्षता में विशाल सेना अजमेर से शहेंशाह अकबर ने मेवाड़ पर आक्रमण हेतु इ. स. १५७६ में भेज दी! खमनोर के पास हल्दीघाटी में दोनों सेनाओं की भिड़त हुई!
- भाग-१ व भाग-२ से आगे............“ एक दिन संवत १६३३ के जेष्ट सुदी २, तारीख ३० मई १५७६ बुधवार के प्रभात काल में उनके शिविर में मंद स्वर में कुछ मंत्रणा सी हो रही थी | एक स्त्री-कंठ याचना भरे शब्दों में अनुनय कर रही थी-” मैं नाचना चाहती हूँ, जी भर