१६०७ वाक्य
उच्चारण: [ 1607 ]
उदाहरण वाक्य
- मूल गोसाईं चरित के अनुसार कवि के जीवन की वह पवित्रतम तिथि माघ अमावस्या (बुधवार), सं० १६०७ को बताया गया है।
- त्रैलंग स्वामी (जिन्हें गणपति सरस्वती भी कहते हैं) (ज्ञात १५२९ ई. या १६०७-१८८७ जिसमें ये वाराणसी में १७३७-१८८७ तक रहे।
- आदेश संख्या ६६: बिहार कर्मचारी चयन आयोग के विज्ञापन संख्या १६०७ के सफल एवं अनुशंसित अभ्यर्थियों की सहायक पर्यटक स
- १६०७ ई. बाज बहादुर ने जहाँगीर कुली खान की उपाधि पा गया था और उसे बंगाल का गवर्नर बनाकर भेजा गया ।
- ईसा के जन्म को अधार मानकर उसके जन्म से १६०७ ईसा पूर्व या वर्ष पूर्व के वर्ष को इस प्रकार प्रदर्शित किया जाता है।
- उपरोक्त अन्तर के आधार पर १६०७ ईसा पूर्व के अनुसार विक्रमी संवत, सप्तर्षि संवत, कलियुग संवत और प्राचीन सप्तर्षि आदि में वर्ष आदि निकाले जा सकते है।
- उनका कहना था कि जो धूमकेतु सन् १६८२, में दिखायी दिया था यह वही धूमकेतु है जो सन् १५३१ व १६०७ तथा संभवत: सन् १४६५ में भी दिखायी पड़ा था।
- स्वाद, १६०७ दुआद, १२७७ तोय, ८४२ जॉय, ९२२० ऍन, २२०८ गेन, ८४९९ फ, ६८१३ काफ, ९५०० काफ, ३०४३२ लाम, २६५६० मीम, ४५१९० नून, २५५३६ वाव,१९०७० दो चश्मी हे, ४७२० लामअलीफ, ४५९१९ य हे।
- मित्र इसमें आपका कोई दोष नहीं, पता है जिस चीज़ को जानने के लिए हमारे महा रिशिओं ने हजारो साल तक सबकुछ छोड़ दिया और उस को तुम अपने विज्ञानं से तौल रहे हो.वाही विज्ञानं जिसके पास आज भी कोई.....छोडो तैलंग स्वामी का नाम सुना है.खोजने की कोशिश करना.जन्म हुआ था १६०७ में और निर्वाण १८८७ में.ये इतिहास की बात नहीं वास्तविकता है.
- सन १६०७ की मौनी अमावस्या बुधवार के दिन भागवान पुनः प्रकट हुए | तुलसी दास चित्रकूट पर चन्दन घिस रहे थे | तभी दो बालक आकार चन्दन मांगने लगे | तुलसी दास ने चन्दन दिया और उनके हाथ से अपने मस्तक पर चन्दन लगवाने लगे | हनुमान जी ये जान कर की ये दुबारा भी धोखा न खा जावे तोते का रूप धरकर ये दोहा पढ़ा |