१७३४ वाक्य
उच्चारण: [ 1734 ]
उदाहरण वाक्य
- आरावली की पर्वत श्रृंखला के कोर (edge) पर आमेर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस किले को सवाई राजा जैसिंह द्वितीय ने सन १७३४ में बनवाया था.
- ऐसा लगता है कि यह सुन्दर जल-महल १७३४ में एक विद्रोही राजकुमार जगतद्वितीय द्वारा, अपने पिता महाराणासंग्रामसिंहद्वितीय (१७१६-१७३४) से दूर, एक आनंद आश्रय के रूप में बनवाया गया था।
- भक्तपुर दरबार नजीकैको गहिरो धाराको पश्चिम पटि्टको भित्तामा विक्रम संवत् १७३५ र भक्तपुर दरबारको तलेजु चोकको देवद्वारको तोरणको स्वर्ण पट्टामा विक्रम संवत् १७४१ र भक्तपुरको डोलेश्वर महादेवको मन्दिरमा विक्रमाब्द १७६४ साथै नेपाल संवत् ८२८ माघ उल्लेख भएको र भक्तपुर राजदरबार कुमारी चोकमा जितामित्र मल्लको अभिलेखमा विक्रम संवत् १७३४ उल्लेख भएको कुरा नयनाथ पौडेलले अभिलेख संग्रहमा उल्लेख गर्नुभएको छ।
- दक्षिण के अलावा जयपुर तीनो तरफ़ से पहाडियों से घिरा हुआ है, हम देख सकते हैं, जयपुर के उत्तर पश्चिम मे एक पहाडी है, जिस पर एक सुन्दर किला है, यह नाहर गढ का किला कहलाता है, इसे सवाई जयसिंह ने १७३४ ईसवी में मराठों के आक्रमण से बचाया था, इस किले की नक्कासी उच्च कोटि की है, मन्दिर कक्ष है, कलात्मक खम्भे देखते ही बनते है।
- दक्षिण के अलावा जयपुर तीनो तरफ़ से पहाडियों से घिरा हुआ है, हम देख सकते हैं, जयपुर के उत्तर पश्चिम मे एक पहाडी है, जिस पर एक सुन्दर किला है, यह नाहर गढ का किला कहलाता है, इसे सवाई जयसिंह ने १७३४ ईसवी में मराठों के आक्रमण से बचाया था, इस किले की नक्कासी उच्च कोटि की है, मन्दिर कक्ष है, कलात्मक खम्भे देखते ही बनते है।
- जयपुर में पुराने राजमहल ' चन्द्रमहल' से जुडी एक आश्चर्यजनक मध्यकालीन उपलब्धि है-जंतर मंतर! पौने तीन सौ साल से भी अधिक समय से प्राचीन खगोलीय यंत्रों और जटिल गणितीय संरचनाओं के माध्यम से ज्योतिषीय और खगोलीय घटनाओं का विश्लेषण और सटीक भविष्यवाणी करने के लिए दुनिया भर में मशहूर इस अप्रतिम वेधशाला का निर्माण जयपुर नगर के संस्थापक आमेर के यशस्वी राजा सवाई जयसिंह (द्वितीय) ने १७२८ में अपनी निजी देखरेख में शुरू करवाया था, जो सन १७३४ में पूरा हुआ था.