४८८ वाक्य
उच्चारण: [ 488 ]
उदाहरण वाक्य
- पृष्ठ ३११ से ४८८ तक का जो अध्याय है-' पुराने पन्नों से,' वह तो प्रामाणिक दस्तावेजों के आधार पर लिखे गए प्रसिद्ध इतिहासकारों और विद्वानों के अत्यन्त ही वैचारिक और सूचनात्मक लेखों का ही संकलन है, जिसमें स्वतन्त्र भारत के प्रथम शिक्षामंत्री, अरबी-फारसी-उर्दू-अँग्रेजी के प्रकांड विद्वान मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, प्रसिद्द शायर मख़मूर सईदी जैसे लेखक-चिन्तक शामिल हैं....अगली कड़ी में जारी
- पृष्ठ ३११ से ४८८ तक का जो अध्याय है-' पुराने पन्नों से,' वह तो प्रामाणिक दस्तावेजों के आधार पर लिखे गए प्रसिद्ध इतिहासकारों और विद्वानों के अत्यन्त ही वैचारिक और सूचनात्मक लेखों का ही संकलन है, जिसमें स्वतन्त्र भारत के प्रथम शिक्षामंत्री, अरबी-फारसी-उर्दू-अँग्रेजी के प्रकांड विद्वान मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, प्रसिद्द शायर मख़मूर सईदी जैसे लेखक-चिन्तक शामिल हैं....अगली कड़ी में जारी
- आज जाने क्या हुआ दिल को मेरे आज जाने क्या हुआ दिल को मेरे इस को है एह्सास कि तुम हो मेरे प्यार दे दो मुझ को तुम बेइन्तहा और सब कुछ दिल से भुला दो मेरे तुम भी मेरे कातिलों में थे शुमार बन रहे हो दोस्त इतने जो मेरे घाव ये पल में हरे हो जाएंगे इस तरह न दाग-ए-दिल खुरचो मेरे वक्त-ए-रुखसत तो पकड़ लो हाथ को दिल में आ जाये सुकूं कुछ तो मेरे लो सम्हालो खलिश अपनी याद को गज़ल-ओ-अशआर सब ले लो मेरे महेश चन्द्र गुप्त खलिश ८ सितम्बर २००६ ४८८.