अक्षय कुमार जैन वाक्य
उच्चारण: [ akesy kumaar jain ]
उदाहरण वाक्य
- इनमें टाइम्स ऑफ इंडिया के दिलीप पडगांवकर एवं एस स्वामीनाथन अय्यर, नवभारत टाइम्स के अक्षय कुमार जैन, इंडियन एक्सप्रेस के बलराज मेहता, बिजनेस स्टैंडर्ड के गौतम गुप्ता एवं प्रताप अखबार के जी एस चावला शामिल हैं.
- श्री अक्षय कुमार जैन, कन्हैयालाल नंदन, विष्णुकांत शास्त्राी, डॉ. धर्मवीर भारती, डॉ. शिवदान सिंह चौहान, दूधनाथ सिंह, प्रदीप पंत, डॉ. बापूराव देसाई आदि साहित्यकारों ने इस विधा को और अधिक सशक्त किया।
- डॉ. रणवीर रांग्रा के साक्षात्कार संग्रह सृजन की मनोभूमि, (१ ९ ६ ८) साहित्यिक साक्षात्कार (१ ९ ७ ८) अक्षय कुमार जैन के संग्रह याद रही मुलाकातें ' शिखरों की छांह ' में इस दिशा में उल्लेखनीय है।
- मेरे लिए यह आश्चर्य का विषय था कि मोरारजी देसाई सरकार ने बैनेट कोलमैन एंड कंपनी पर इतना दबाव डाला कि उसने नवभारत टाइम्स से अक्षय कुमार जैन, दिनमान से रघुवीर सहाय, धर्मयुग से धर्मवीरभारती तथा सारिका से कमलेश्वर को विदा कर दिया।
- नौ दशकों की अविराम यात्रा के महान साहित्यकार, चिंतक, शिक्षक, स्वतंत्रता सेनानी, समाज सेवी की अनवरत निष्ठा के विराट प्रतीक और भोपाल की उर्दू-हिन्दी सृजनमेधा के साक्षी अजातशत्रु बाबू अक्षय कुमार जैन के लिए भोपाल की साहित्य-संगीत एवं कला संस्थाओं ने उनके शतायु होने के कामना की।
- शैवाल, स्वयंप्रकाश, अब्दुल बिस्मिल्लाह, अक्षय कुमार जैन, मायाराम सुरजन, और अन्तिम दिन डॉ. नामवर सिंह भी. लगभग सभी किसी न किसी सत्र में ग़ायब रहते थे, लेकिन कमलाप्रसाद जी? लंच के बाद फिर सभागार में आ जाते, और हम नौसिखियों की समस्याएं सुलझाते.
- जिसमे सर्वश्री चंद्रकांत पाटिल (मराठी कवि), चंद्रकांत देवताले,विजय कुमार, भगवत रावत, आग्नेय, डॉ.कमलाप्रसाद (महामंत्री,साहित्य सम्मेलन), अक्षय कुमार जैन (अध्यक्ष, साहित्य सम्मेलन), राजेश जोशी, कुमार अम्बुज, लीलाधर मंडलोई, राजेंद्र शर्मा, निलेश रघुवंशी, डॉ.उर्मिला शिरीष, हरि भटनागर, मुकेश वर्मा, भालचंद्र जोशी,सत्यनारायण पटेल, दिनेश कुशवाह, बहादुर सिंह परमार, जीतेन्द्र चौहान, रवीन्द्र स्वप्निल प्रजापति, आदि कई साहित्यकार उपस्थित थे ।
- मधुशाला ' का प्रथम सस्वर पाठ दिसम्बर १ ९ ३३ में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के शिवाजी हाल में हुआ था! तब श्री अक्षय कुमार जैन, सम्पादक, नवभारत टाईम्स, वहां उपस्थित थे! वे २ ३ जनवरी १ ९ ५ ९ के लाल किले के कवी सम्मलेन में भी मौजूद थे जिसकी परिसमाप्ति ` मधुशाला, के पाठ से हुई थी! उन्हीं के द्वारा लिखा ये संस्मरण आपके सम्मुख है!
- इनमें से महत्वपूर्ण लेखकसंपादक निम्न हैं: श्रीकांत ठाकुर विद्यालंकार, शरद जोशी, इंद्र विद्यावा-चस्पति, बांके बिहारी भटनागर, मायाराम सुरजन, कपूर चंद कुलीश, डोरीलाल अग्रवाल, अक्षय कुमार जैन, राजेंद्र माथुर, रामगोपाल माहेश्वरी, नारायण चतुर्वेदी, कृष्ण कुमार मिश्र, रामचरण जोशी, राहुल बारपुते, महावीर अधिकारी, पंडित रामाश्रय उपाध्याय, राजेंद्र माथुर, आरआर खाडिलकर, कमलापति त्रिपाठी, माता सेवक पाठक, जगेश्वर प्रसाद खलीश, सुरेंद्र बालपुरी आदि।