अखिलेश मिश्रा वाक्य
उच्चारण: [ akhilesh misheraa ]
उदाहरण वाक्य
- इनके पास पैसों की व्यवस्था नहीं हो सकी करीब 8-10 माह पहले ससुर अखिलेश मिश्रा इनके घर बिदा कराने गये उनको भी इन्होने काफी समझाया और रूपयों व्यवस्था कर जल्दी ही देने की बात कही।
- बौद्ध अध्ययन के छात्र अखिलेश मिश्रा का कहना है, ” हमारे देश में स्वतंत्रता को परिभाषित करना बहुत कठिन है लेकिन मैं बिना किसी डर और रोक-टोक के अपनी संस्कृति के अनुसरण का अधिकार चाहता हूं।
- मुख्य रूप से पूर्व विधायक श्री हरीश बाजपेई, श्री अखिलेश मिश्रा, श्री सुरेश गुप्ता, श्री ओम प्रकाश रावत, श्री राम गोपाल अवस्थी, श्री आनन्द माधव अवस्थी एवं श्री साबिर अली आदि शामिल थे।
- इसी बात को लेकर गूजरपुर निवासी सियाराम शाक्य से गुरुवार सुबह अखिलेश मिश्रा व उनके पुत्र सिंटू, पिंटू, टिल्लू, पवन, मिलन, सिल्लन ने कहा कि उन्होंने मुझे यादवों द्वारा पीटे जाने पर क्यों नहीं बचाया।
- इससे पूर्व आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए संघ के विभाग प्रचारक अखिलेश मिश्रा ने कहा कि सन 1925 में डॉ. हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के साथ जो सपना देखा था वह अब पूरा होता दिखाई दे रहा है।
- तभी जरिया मुखबिर खास सड़वा मोड़ पर जानकारी मिली कि अभियोग का वांछित अभियुक्त कृपा शंकर मिश्र उर्फ मोनू पुत्र अखिलेश मिश्रा निवासी लवायन कलां कुरिया लवायनकलां मोड़ तिराहा के पास खड़ा है जो कहीं जाने हेतु सवारी की प्रतीक्षा कर रहा है जल्दी किया जाय तो पकड़ा जा सकता है।
- संक्षेप में अभियोजन कहानी यह है कि दिनांक 3-4-2008 को रवि शंकर मिश्रा पुत्र अखिलेश मिश्रा निवासी ग्राम लवायन थाना औद्योगिक क्षेत्र जिला इलाहाबाद ने एक लिखित तहरीर देकर इस आशय का मुकदमा दर्ज कराया कि दिनांक 3-4-2008 को आवेदक जब खाना-पीना खाकर अपने मकान के ऑगन में सो रहा था।
- इस दौरान दिनेश जोशी, संजय चड्डा, पुनीत दीक्षित, विनीत खटीक, श्याम अग्रवाल, अभय अग्रवाल, संजय रावत, पप्पू कोष्टा, अनूप खटीक, गब्बर गुप्ता, योगेश सिंह, सोनू यादव, अखिलेश मिश्रा, अमेय शर्मा, प्रकाश भागवत, राघवेंद्र गुप्ता आदि मौजूद रहे।
- मृतका की मृत्यु विवाह के चार वर्ष के अन्दर हुई है और यह मृत्यु दहेज मॉगने के कारण हुई है इसलिए यह दहेज हत्या का मुकदमा है, मुकदमे के तथ्यों एवं परिस्थितियों को देखते हुए अभियुक्तगण कृपा शंकर मिश्रा उर्फ मोनू, अखिलेश मिश्रा एवं श्रीमती सुशीला उर्फ बिटोला धारा-498ए, 304बी, 211,120बी, 506 भारतीय दंड संहिता एवं 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत दोष सिद्ध होने योग्य है।
- जहॉ तक अभियोजन पक्ष का यह कथानक कि इस कट्टे का प्रयोग मुकदमा अपराध संख्या-63 / 2008 धारा-498ए, 304बी, 211,120बी, 506 भारतीय दंड संहिता एवं धारा-3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में अभियुक्तगण कृपा शंकर मिश्रा उर्फ मोनू, अखिलेश मिश्रा एवं सुशीला उर्फ बिटोला द्वारा आपराधिक षडयन्त्र करके अपनी बहू मृतका रमा देवी को मारने में किया गया था इस तथ्य को भी साबित करने में अभियोजन पक्ष पूरी तरह से असफल रहा है।