अपना बना लो वाक्य
उच्चारण: [ apenaa benaa lo ]
उदाहरण वाक्य
- कैसे कहूँ की अपना बना लो मुझे, बाहों में अपनी समा लो मुझे! उर्मी जी, जब हम किसी से जुड़ जाते हैं तो हम काफी मजबूर हो जाते हैं लेकिन दिल है कि मानता नही एवं आखिरी ख्वाहिश यही होती है कि उसके बाँहों में समा कर जीवन के कुछ खूबसूरत पल को जी लिया जाए ।
- होली का ये त्यौहार, कहे मस्त हो जा यार, सब को मित्र बना लो, सब को गले लगा लो, सबको अपना बना लो, नाचो, गाओ, खाओ, खिलाओ, एकता ही नहीं, मानव को मानव के प्यार प्रेम की फुहारों से, मानवता को नयी राह दिखाओ, खूब मनाओ, खूब मनाओ, होली का त्यौहार मनाओ!!
- ग़ज़ल-सजा कौन सी, कौन सी ये दफा है जहाँ पर दिलों में न घाटा, नफा है असल में वहीं पर सुकूं है, वफ़ा है किसी के बनो तुम या अपना बना लो मेरी जिंदगी का यही फलसफा है उजालों में भी वो नहीं पास मेरे लगे मेरा साया भी मुझसे खफा हैं खड़ी जिंदगी, वक्त के कटघरे में सजा कौन सी, कौन सी ये दफा है कभी भी मुहब्बत न करता मै उससे अगर जान लेता कि वो बेवफा है कवि दीपक गुप्ता-9811153282
- ख्वाइश कैसे कहूँ की अपना बना लो मुझे, बाहों में अपनी समा लो मुझे! बिन तुम्हारे एक पल भी कटता नहीं, तुम आकर मुझी से चुरा लो मुझे! ज़िन्दगी वो है जो संग तुम्हारे गुज़रे, दुनिया के ग़मों से अब चुरा लो मुझे! मेरी सबसे गहरी ख्वाइश हो पूरी, तुम अगर पास अपने बुलालो मुझे! ये कैसा नशा है जो बहका रहा है, तुम्हारा हूँ मैं संभालो मुझे! नजाने फिर कैसे गुज़रेगी जिंदगानी, अगर अपने दिल से कभी निकालो मुझे!
- धर्म-जाति वर्गभेद मिटा लो वतन को सजा लो, अपना बना लो,गले से लगा लो, जहाॅं सभी अपने ही रहते है,उसी ही को तो परिवार कहते है, जहाॅं सारे परिवार मिल जुलकर रहते है उसी को तो वतन कहते है, फिर काहे की है लड़ाई आपस में ऐसी जंग छिड़वाई, यदि अब भी समझ न पाये और जंग पर जंग छिड़वाये तो तन मन घायल करोगें तन ही न रह पायेगा तो परिवार कैसे चल पायेगा, परिवार को बना लो वतन को चला लो, वतन को आगे बढ़ा लो गले से लगा लो अपना बना लो गले से लगा लो।