अभ्यंग वाक्य
उच्चारण: [ abheynega ]
उदाहरण वाक्य
- अभ्यंग स्नान ' के स्पर्श से त्वचा की शक्ति बढ़ती है, इसलिए मनुष्य को रोजाना अपने शरीर की मालिश करानी चाहिए।
- वह अभ्यंग, परिषेक, अवगाहन और लेप आदि में प्रयुक्त किये हुए द्रव्यों का पाचन करता है तथा छायायों का प्रकाशक है ।।
- शरीर क़ी मालिश हेतु पंचकर्म चिकित्सक अभ्यंग का प्रयोग पूर्वकर्म के रूप में कराते हैं, जो अपने आप में रोगों की चिकित्सा है।
- उनमे भी चर्म सम्बन्धी विकारों को निवृ्त करने में तिलों के तेल का अभ्यंग (मालिश) अपने आप में विशिष्ट स्थान रखता है।
- तद्यथाः। इसके बाद सोने से निर्मित यंत्र को ताम्रपत्र में रखकर उस पर घी का अभ्यंग करके उस पर दूध और जल की धारा दें।
- (1) स्नेहनः-इस विधि में शरीर के विकृत दोषो को बढाकर बाहर निकालने के लिए द्घृतपान, तेलपान एवं अभ्यंग का प्रयोग किया जाता है।
- शिरोधरा, शिरोबस्ती, शिरो अभ्यंग और नस्य जैसे पंचकर्म अवसाद से मुक्ति दिलाने में मददगार हैं लेकिन इन्हें किसी प्रशिक्षित विशेषज्ञ के परामर्श से करना ही ठीक है।
- दिनचर्या में पंचकर्म: दिनचर्या के अनुसार प्रतिदिन अभ्यंग, उद्वर्तन, मूर्धतौल, अंजन, प्रतिमर्श नस्य, कर्णपुरण्य, पादाभ्यंग आदि पंचकर्म के अंतर्गत वर्णित हैं।
- अभ्यंग, व्यायाम, मद्य, निद्रा, स्वेद, निवात ग्रह, निवास एवं स्वेद द्रव्यों के सेवन से क्षीण स्वेद अपनी साम्यावस्था में आ जाता है ।।
- उनमें से संक्षेप में कुछ उपाय दिये जा रहे हैं:-(1) मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर तेल अभ्यंग, स्नान करना चाहिए।