अश्लेषा वाक्य
उच्चारण: [ ashelaa ]
उदाहरण वाक्य
- कर्क-कर्क राशि पुनर्वसु नक्षत्र के चतुर्थ चरण पुष्य और अश्लेषा नक्षत्रों से बनी है।
- इसी लिए इस संयोग को अश्लेषा गण संज्ञक और मघा मूल संज्ञक नक्षत्र कहते हैं।
- 16 डिग्री 40 मिनट से 30 डिग्री तक अश्लेषा नक्षत्र के चारों चरण आते हैं.
- नक्षत्रों के स्वामी केतु हैं और ये तमोगुणी हैं | रेवती, अश्लेषा व ज्येष्ठा का स्वामी
- विशाखा, पुष्य, अश्लेषा आदि नक्षत्रों में इसकी साधना विषेष रूप से की जाती है।
- मघा, तथा ज्येष्ठा मूल ये गडांत कहलाते हैं | ज्येष्ठा मूल और अश्लेषा बडे मूल
- अश्विन, अश्लेषा, मघा, जयेष्ठा, मूला और रेवती ये छह गंडमूल नक्षत्र हैं।
- 27 नक्षत्रों में अश्लेषा नक्षत्र के देवता के रूप में भी सर्प उपस्थिति दर्ज कराते हैं।
- तिसरे चरण में उच्चपद, तथा चोथे चरण में राज्य सम्मान मिलता हैं | अश्लेषा नक्षत्र में
- बुध हैं और ये स्वभाव से रजोगुणी हैं | अतः नक्षत्रों की जोडियाँ रेवती, अश्लेषा,