अष्टांग मार्ग वाक्य
उच्चारण: [ asetaanega maarega ]
उदाहरण वाक्य
- कठोर तपस्या छोड़कर उन्होने आर्य अष्टांग मार्ग ढूंढ निकाला, जो बीच का मार्ग भी कहलाता जाता है क्योंकि यह मार्ग दोनो तपस्या और असंयम की पाराकाष्टाओं के बीच में है ।
- कर्म से मुक्त होने या ज्ञान प्राप्ति हेतु मध्यम मार्ग अपनाते हुए व्यक्ति को चार आर्य सत्य को समझते हुए अष्टांग मार्ग का अभ्यास कहना चाहिए यही मोक्ष प्राप्ति का साधन है।
- ज्ञान प्राप्ति: कठोर तपस्या छोड़कर उन्होंने आर्य अष्टांग मार्ग ढूंढ निकाला, जो मध्यम मार्ग भी कहलाता है, क्योंकि यह मार्ग तपस्या और असंयम दोनों की पराकाष्ठाओं के बीच में है।
- आसक्ति, लोभ, दुख और अज्ञानता के निराकरण हेतु बुद्ध ने अष्टांग मार्ग का उपदेद्गा किया, जिसके आठ अंग इस प्रकार हैं-सम्यग्दृष्टि, सम्यक्संकल्प, सम्यग्वाक्, सम्यक्कर्म, सम्यगाजीव, सम्यग्व्यायाम्, सम्यक्स्मृति और सम्यक्समाधि।
- मेरे पास बुद्ध का अष्टांग मार्ग आर्यसत्य चतुष्टय और द्वादशांग प्रतीत्य समुत्पाद से बना चौबीस तन्तुओं का जाल कहाँ से आये? अपने हाथ में तो बस गुणमयी बंसी है, बाँस की एक छड़ी में एक गुण उर्थात् डोरी, जिसमें एक काँटा लगा है और गाँटे में चारा फँसा है।
- मेरे पास बुद्ध का अष्टांग मार्ग, आर्यसत्य चतुष्टय और द्वादशांग प्रतीत्य समुत्पाद से बना चौबीस तन्तुओं का जाल कहाँ से आये? अपने हाथ में तो बस गुणमयी बंसी है, बाँस की एक छड़ी में एक गुण अर्थात डोरी, जिसमें एक काँटा लगा है और गाँटे में चारा फँसा है।