अहिल्या बाई होलकर वाक्य
उच्चारण: [ ahileyaa baae holekr ]
उदाहरण वाक्य
- “महेश्वर” जो अतीत में पुण्य श्लोक मातुश्री देवी अहिल्या बाई होलकर की राजधानी के रूप में तथा वर्तमान में अपने सुन्दर घाटों, मंदिरों, देवी अहिल्याबाई के स्मृति चिन्हों तथा महेश्वरी साडी के लिए भारत भर में प्रसिद्द है.
- देवी अहिल्या बाई इंदौर के सारे शासकों में सबसे ज्यादा प्रसिद्द, सम्मानित तथा पूजनीय थीं, आज के आधुनिक इंदौर में भी देवी अहिल्याबाई की स्मृति स्वरुप यहाँ के अंतरराष्ट्रीय विमान तल का नाम देवी अहिल्या बाई होलकर इंटर्नेशनल एयरपोर्ट (
- हवाई मार्ग द्वारा: देवास का समीपस्थ हवाई अड्डा है देवी अहिल्या बाई होलकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा इंदौर जो की देवास से 45 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है तथा भारत के कई मुख्य शहरों से हवाई मार्ग से जुड़ा है.
- ये चित्र और स्लोगन अहिल्या बाई होलकर की पूर्व राजधानी महेश्वर घाट से करीब छ माह पूर्व लिया गया था....नर्मदा किनारे स्थित इस घाट तक पहुँचने वाली एक संकरी सड़क पर दोनों तरफ की दीवारों पर पर्यावरण जागरूकता को लेकर बहुत कुछ लिखा गया है..
- तो चलिए अब मैं आपको थोड़ी सी जानकारी देती हूँ सोमनाथ के कुछ अन्य दर्शनीय स्थलों के बारे में …………………. देवी अहिल्या बाई होलकर द्वारा निर्मित सोमनाथ मंदिर: यह मंदिर मुख्य सोमनाथ मंदिर के ही परिसर में स्थित है तथा मुख्य सोमनाथ मंदिर से लगा हुआ है.
- बाद में इंदौर की महारानी पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई होलकर जो की स्वयं शिव की बहुत बड़ी भक्त थी ने इस मंदिर का उपरी टुटा हुआ हिस्सा पुनर्निर्मित करवा कर मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया, अतः उनकी स्मृति में मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले ही मातुश्री अहिल्या बाई होलकर की प्रतिमा विराजमान है.
- बाद में इंदौर की महारानी पुण्यश्लोका देवी अहिल्याबाई होलकर जो की स्वयं शिव की बहुत बड़ी भक्त थी ने इस मंदिर का उपरी टुटा हुआ हिस्सा पुनर्निर्मित करवा कर मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया, अतः उनकी स्मृति में मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले ही मातुश्री अहिल्या बाई होलकर की प्रतिमा विराजमान है.
- आज मैं आपलोगों को लेकर चलती हूँ माँ रेवा (नर्मदा) के तट पर स्थित ऐतिहासिक नगरी “ महेश्वर ” जो अतीत में पुण्य श्लोक मातुश्री देवी अहिल्या बाई होलकर की राजधानी के रूप में तथा वर्तमान में अपने सुन्दर घाटों, मंदिरों, देवी अहिल्याबाई के स्मृति चिन्हों तथा महेश्वरी साडी के लिए भारत भर में प्रसिद्द है.
- देवी अहिल्या बाई होलकर, आप को सबसे ज्यादा प्रसिद्ध शासक माना जा सकता है आपने देश भर में कई मंदिर, कुए, और धर्मशालाए बनवाई| आपने अपने जीवन का अधिकांश समय महेश्वर में बिताया जो की होलकरो की राजधानी थी जो की नर्मदा के मुहाने पर स्थित है | आपका नाम पर इंदौर के विश्वविद्यालय और एयरपोर्ट का नाम रखा गया …
- आपकी मृत्यु २० मई, १७६६ को आलमपुर में हुई और अहिल्याबाई होलकर आपकी उत्तराधिकारी बनी | अहिल्या बाई होलकर को आपने शुरू से ही तलवारबाजी आदि का प्रशिक्षण दिया था इसी के फलस्वरूप अहिल्याबाई होलकर ने एक पुत्र के समान धर्म निर्वाह किया | मल्हार राव का मकबरा और छतरी मध्यप्रदेश भिंड जिले, लहर तहसील के आलमपुर में स्थित है |