आचार्य आनन्दवर्धन वाक्य
उच्चारण: [ aachaarey aanendevredhen ]
उदाहरण वाक्य
- इसके पहले वाले श्लोक में प्रयुक्त ‘ सहृदय ' शब्द किसी व्यक्तिविशेष का नाम नहीं, बल्कि सहृदय लोगों का वाचक है और कारिका तथा वृत्ति, दोनों भागों के रचयिता आचार्य आनन्दवर्धन को ही मानना चाहिए।
- प्रस्तुत कविता से मिलता-जुलता उदाहरण “ध्वन्यालोक” में व्यंग्यार्थ के उद्धरण के रूप में आचार्य आनन्दवर्धन ने दिया है-“श्वश्रूरत्र निमज्जति अत्राहं दिवसकं प्रलोकय मा पथिक रात्र्यन्धकं शय्यायां मम निमंक्ष्यसि” (हे पथिक! दिन में अच्छी तरह देख लो, यहाँ सासजी सोती हैं और यहाँ मैं सोती हूँ.
- आचार्य भट्टोद्भट ||, || 8. आचार्य वामन ||, || 9. आचार्य रुद्रट और आचार्य रुद्रभट्ट ||, || 10. आचार्य आनन्दवर्धन ||, || 11. आचार्य भट्टनायक ||, || 12. आचार्य मुकुलभट्ट और आचार्य धनञ्जय ||, || 13. आचार्य अभिनव गुप्त ||, || 14. आचार्य राजशेखर ||, || 15. आचार्य कुन्तक और आचार्य महिमभट्ट ||, ||16. आचार्य क्षेमेन्द्र और आचार्य भोजराज ||, ||17. आचार्य मम्मट ||, ||18. आचार्य सागरनन्दी एवं आचार्य (राजानक) रुय्यक (रुचक) ||