आनन्दवर्धन वाक्य
उच्चारण: [ aanendevredhen ]
उदाहरण वाक्य
- काव्यशास्त्र के ऐतिहासिक पटल पर आचार्य रुद्रभट्ट के बाद आचार्य आनन्दवर्धन आते हैं और इनका ग्रंथ
- 2. रचनात्मक काल-आचार्य भामह से आचार्य आनन्दवर्धन तक 200 वर्षों का यह काल है।
- काव्यशास्त्र के ऐतिहासिक पटल पर क्रम में आचार्य रुद्रभट्ट के बाद आचार्य आनन्दवर्धन आते हैं और इनका ग्रंथ
- लेकिन कुंतक, महिमभट्ट, क्षेमेन्द्र आदि आचार्यों के अनुसार कारिका भाग और वृत्ति भाग दोनों के प्रणेता आचार्य आनन्दवर्धन ही हैं।
- यहां के महान मनीषीयों में पतञ्जलि, दृढबल, वसुगुप्त, आनन्दवर्धन, अभिनवगुप्त, कल्हण, क्षेमराज आदि हैं।
- लेकिन कुंतक, महिमभट्ट, क्षेमेन्द्र आदि आचार्यों के अनुसार कारिका भाग और वृत्ति भाग दोनों के प्रणेता आचार्य आनन्दवर्धन ही हैं।
- ध्वन्यालोक के कर्ता आनन्दवर्धन ने भी धर्मोत्तर कृत प्रमाणविनिश्चय की टीका पर टीका लिखी है, किन्तु वह अनुपलब्ध है।
- अन्यथा ध्वनि के आलोक को अर्थात् ध्वन्यालोककार आचार्य आनन्दवर्धन द्वारा प्रतिपादित ध्वनि-सिद्धांत को बिना लोचन (टीका) द्वारा समझना कठिन होता।
- इसीलिए आचार्य आनन्दवर्धन द्वारा ‘ध्वन्यालोक ' में प्रतिपादित ध्वनि के सिद्धान्तों का बड़े ही सशक्त ढ़ग से ‘हृदयदर्पण' में इन्होंने विरोध किया है।
- लेकिन कुंतक, महिमभट्ट, क्षेमेन्द्र आदि आचार्यों के अनुसार कारिका भाग और वृत्ति भाग दोनों के प्रणेता आचार्य आनन्दवर्धन ही हैं।