आशुतोष दुबे वाक्य
उच्चारण: [ aashutos dub ]
उदाहरण वाक्य
- आशुतोष दुबे जी ने ठीक ही कहा है कि अन्य साथियों को इसे एक शुरुआत मान कर इन दो दशकों की कविताओं पर लिखना चाहिए. अज्ञेय ने भी एक जगह...
- देवीप्रसाद मिश्र, कुमार अम्बुज, कात्यायनी, अनीता वर्मा, आशुतोष दुबे, अष्टभुजा शुक्ल, बद्रीनारायण, निलय उपाध्याय, नीलेश रघुवंशी और व्योमेश शुक्ल ऐसे ही कवि हैं।
- उधर टीबी विशेषज्ञ डा. आशुतोष दुबे का कहना है कि टीबी की दवाएं बहुत ही प्रभावशाली होती हैं यह क्षयरोग पर तो कार्य करती ही हैं साथ अन्य रोगों को भी जन्म दे देती हैं।
- इन बैठकों में अजीत चैधरी, आशुतोष दुबे, विवेक गुप्ता, रवीन्द्र व्यास, जितेन्द्र चैहान, प्रदीप मिश्र, उत्पल बैनर्जी आदि बाकी चेहरे बदलते रहते थे पर हम दो चेहरे वही रहते थे।
- आशुतोष दुबे ने कहा कि कहानी और कविता के इस मिलेजुले शिल्प में गीत के लेखन में अलग और बेहतर तरीके से नयापन मौजूद है और वो पाठक के साथ छूट लेने का साहस करते हैं।
- ज्ञातव्य हो कि इसके पहले नासिर अहमद सिकंदर, एकांत श्रीवास्तव (1997), कुमार अंबुज (1998), विनोदास (1999), गगन गिल (2000), हरिश्चंद्र पांडेय (2001), अनिल कुमार सिंह (2002), हेमंत कुकरेती (2003), नीलेश रघुवंशी (2004), आशुतोष दुबे (2005)
- राजेश जोशी, अरुण कमल, नरेंद्र जैन, विष्णु नागर, कुमार अंबुज, देवीप्रसाद मिश्र, आशुतोष दुबे या मोहन कुमार डहेरिया जैसे तमाम बाद के कवि अपनी रचनाओं में उसे आगे बत्रढाते हैं।
- इन बैठकों में अजीत चैधरी, आशुतोष दुबे, विवेक गुप्ता, रवीन्द्र व्यास, जितेन्द्र चैहान, प्रदीप मिश्र, उत्पल बैनर्जी आदि बाकी चेहरे बदलते रहते थे पर हम दो चेहरे वही रहते थे।
- प्रलोभन की उकसाती इबारत के नीचे बारीक फरेबी हर्फों में लिखा है शर्तें लागू जो बहुत गौर से देखने पर ही नजर आता है शर्तें तो फिर भी नजर नहीं आतीं (आशुतोष दुबे / शर्तें लागू)
- आशुतोष दुबे की ये कविताएँ उनके संकलन “ यकीन की आयतें ” से ली गई हैं और इन्हें हमारे चित्रकार दोस्त श्री रविन्द्र व्यास ने अत्यन्त प्रीतिपूर्वक उपलब्ध कराया है, अनुनाद इस सहयोग के लिए उनका आभारी है।