उतथ्य वाक्य
उच्चारण: [ utethey ]
उदाहरण वाक्य
- देखिए-श्रीमद्भागवतपुराण में आता है कि अपने बड़े भाई उतथ्य की गर्भवती पत्नी ममता के साथ बृहस्पति ने बलात्कारपूर्वक संभोग किया और उसके वीर्य से भरद्वाज नामक पुत्र उत्पन्न हु आ.
- इस पर देव पुरोहित बृहस्पति ने क्रुद्ध होकर उतथ्य के पुत्र को शाप दिया, ‘‘ हे मूढ़ बालक! अपने इस व्यवहार के कारण तुम दीर्घतमा को प्राप्त होकर जन्म लोगे।
- मनु ने अपने को छोड़कर छ: नाम लिखे हैं-[[अत्रि]], उतथ्य के पुत्र, [[भृगु]], [[वसिष्ठ]], वैखानस (या विखनस) एवं शौनक।
- यदि समाधि में स्थित होने की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई तो वेद वाणी की निचले स्तरों पर अभिव्यक्ति नहीं हो पाएगी, पुराणों की भाषा में उतथ्य मूर्ख ही रह जाएगा ।
- राजशेखर द्वारा “ काव्यमीमांसा ” में निर्दिष्ट बृहस्पति, उपमन्यु, सुवर्णनाभ, प्रचेतायन, शेष, पुलस्त्य, पाराशर, उतथ्य आदि अष्टादश आचार्यों में से केवल भरत का “ नाट्यशास्त्र ” ही आजकल उपलब्ध है।
- पुराणों व महाभारत में उतथ्य ऋषि के मान्धाता राजा का पुरोहित होने के सार्वत्रिक उल्लेख के संदर्भ में यह प्रतीत होता है कि उचथ्य की साधना की स्थिति का उपयोग मान्धाता बन कर ही किया जा सकता है ।
- सुरूमा के गर्भ से बृहस्पति, स्वराट् से गौतम, प्रबंध, वामदेव उतथ्य और उशिर यह पांछ पुत्र जन्में, पथ्या के गर्भ से विष्णु संवर्त, विचित, अयास्य असिज, दीर्घतमा, सुधन्वा यह सात पुत्र उत्पन्न हुए।
- एक स्थान पर प्रसंग है कि ऋषि उतथ्य ने नदी को धरती के गर्भ में समाहित कर दिया एक दूसरा प्रसंग है कि दस्यु अभीरा ने सरस्वती को अपने नियंत्रण में रखने की योजना बनायी जिसे जानकर सरस्वती धरती के गर्भ में छिप गयी।
- विष्णु पुराण में उतथ्य-पत्नी ममता के गर्भ से अन्धे दीर्घतमा की उत्पत्ति के संदर्भ में ऐसा कहा जा सकता है कि जब तक उतथ्य बृहस्पति रूपी बृहती बुद्धि का आदर नहीं करेगा, तब तक वह अन्धा पुत्र ही उत्पन्न कर सकता है ।
- विष्णु पुराण में उतथ्य-पत्नी ममता के गर्भ से अन्धे दीर्घतमा की उत्पत्ति के संदर्भ में ऐसा कहा जा सकता है कि जब तक उतथ्य बृहस्पति रूपी बृहती बुद्धि का आदर नहीं करेगा, तब तक वह अन्धा पुत्र ही उत्पन्न कर सकता है ।