उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय वाक्य
उच्चारण: [ utetraakhend uchech neyaayaaley ]
उदाहरण वाक्य
- वर्तमान प्रकरण मे भी दुर्घटना के समय मृतका की उम्र लगभग 29 वर्श पायी गई है अतः माननीय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के नजीर के आलोक मे " 13" का गुणांक क्षतिपूर्ति हेतु लगाया जायेगा।
- अभियुक्त के विद्वान अधिवक्ता द्वारा 2010 69 ए. सी. सी. 170 राम बहादुर बनाम स्टेट ऑफ यू. पी. पर विश्वास प्रकट किया गया, जिसमें माननीय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय द्वारा यह अवधारित किया गया है कि
- जिसमें माननीय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने यह अभिनिर्णीत किया है कि-" एफ0आई0आर को दर्ज कराने में देरी-इसके स्पष्टीकरण का अभाव-का प्रभाव-घटना के 9 घण्टे बाद एफ0आई0आर0 का दर्ज होना-घटनास्थल से पुलिस स्टेशन की दूरी मात्र 3-1/2 कि0मी0 थी।
- अतः मो0 षफीक बनाम सन्तोश कुमार पाण्डेय एवं अन्य 2006 (2) यू. सी. 1354 माननीय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के नजीर के आलोक मे याचीगण के आश्रिता के आंकलन मे मृतक का व्यक्तिगत व्यय पचास प्रतिषत तक घटाया जायेगा।
- नेषनल इंष्योरेंस कम्पनी लिमिटेड मदन सिह रावत एवं अन्य, 2009 (3) 1463 के नजीर मे माननीय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय द्वारा अवधारित किया गया है कि बीमा कम्पनी विष्वसनीय साक्ष्य प्रस्तुत किये बगैर अपने दायित्व से पलायन नही कर सकती है।
- अभी स्थानीय एनजीओ के जनहित याचिका पर उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि 500 मीटर के दायरे में आने वाले रिसाॅर्ट या होटल 50 डेसीबल तक दिन में और 40 डेसीबल तक रात में ध्वनी प्रवाहित कर सकते हैं।
- अभियुक्तगण ने अपने इस कथन के समर्थन मे तथा शिव ओम बनाम राज्य उत्तरांचल राज्य बनाम तेज 2007 एन. सी. सी. 964 माननीय सिह 2007 एन. सी. सी. 570 माननीय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय की नजीरो पर बल दिया है।
- अभियुक्तगण ने अपने इस कथन के समर्थन मे तथा शिव ओम बनाम राज्य उत्तरांचल राज्य बनाम तेज 2007 एन. सी. सी. 964 माननीय सिह 2007 एन. सी. सी. 570 माननीय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय की नजीरो पर बल दिया है।
- नजीर मुकष कुमार गुप्ता बनाम द्वितीय अतिरिक्त जिला जज उधमसिंह नगर आदि 2006 (3) ए0आर0सी0 पेज 572 में माननीय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय द्वारा यह सिद्धान्त प्रतिपादित किया गया है कि भवन स्वामी अपनी आवश्यकता का विश्लेषण करने हेतु सबसे अच्छा जज है।
- अतः ए0ओ0 संख्या 2 / 2005 षोभन सिह व एक अन्य बनाम न्यू इंडिया इंष्योरेंस कम्पनी एवं एक अन्य मे माननीय उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनॉक1.11.06 तथा श्रीमती सपूरा देवी एवं एक अन्य बनाम हयात सिह विश्ट एवं अन्य 36,000-00 वार्शिक आंकी जायेगी।