उत्तर कांड वाक्य
उच्चारण: [ utetr kaaned ]
उदाहरण वाक्य
- दोनों प्रतियों में पाठ भेद होने का कारण सम्पूर्ण उत्तर कांड का प्रक्षिप्त होना, कई सर्गों का प्रक्षिप्त होना हैं एवं कई श्लोकों का प्रक्षिप्त होना हैं।
- बालकांड में 21, अयोध्या कांड में 10, अरण्य कांड में 3, सुंदर कांड में 1, लंका कांड में 6 और उत्तर कांड में 7 ऐसे शब्द मिले हैं।
- जी हाँ उत्तर कांड जिसमे यह वाली कहानी, सीता की अग्नि परीक्षा, इत्त्यादी है, वह बाद में जोड़ा गया है...असल वाले वाल्मीकि रामायण में नहीं था यह..देखिये यह विकी लिंक: http://en.wikipedia.org/wiki/Ramayana#Uttara_Kanda
- अभी हाल ही में छन्नू लाल मिश्र जी के गाये रामचरित मानस के कुछ प्रकरण जैसे केवट-संवाद, विभीषण गीता, उत्तर कांड में गरुड़-कागभुसुंडी संवाद मैंने अपने मोबाइल फोन में संकलित किया।
- बाल कांड, अयोध्या कांड, Aranya कांड, Kiskindha कांड, सुन्दर कांड, लंका कांड और उत्तर कांड-Ramcharitamanas Dohas या दोहे सात अध्यायों शामिल के रूप में लिखा है.
- यंहा तक की नारद ने भी मेरी हत्या को न्यायोचित बताया उन्होंने कहा की ” अन्य वर्णों की सेवा ही शूद्र के लिए श्रेष्ठ धर्म है (वाल्मीकि रामयण, उत्तर कांड, सर्ग 87)
- असमिया साहित्य के द्वितीय काल (वैष्णवकाल में) माधव कंदलि द्वारा अनूदित रामायण का कुछ अंश खो जाने के कारण इस काल के एक प्रमुख कवि और साहित्यकार शंकरदेव ने उत्तर कांड को पुनः अनूदित किया।
- और असली वाली रामायण (वाल्मीकि जी वाली) में भी यह प्रसंग है ” जी हाँ उत्तर कांड जिसमे यह वाली कहानी, सीता की अग्नि परीक्षा, इत्त्यादी है, वह बाद में जोड़ा गया है...
- संवत् १ ९ १ ० तदनुसार १ ८ ५ ३ ई. में उनकी रामायण पूरी हो गयी थी, २ किंतु एक अन्य स्रोत के अनुसार युद्धकांड और उत्तर कांड की रचना १ ८ ५५ ई. में हुई थी।
- महाभारत (ईसा के ३ ००० वर्ष पूर्व) के बहुत समय बाद राजा भोज के समय में ‘ चम्पू रामायण ' लिखा गया ; इसमें साररूप में राम कथा का वर्णन है, किन्तु उसमें भी उत्तर कांड नहीं है।