उल्लाला वाक्य
उच्चारण: [ ulelaalaa ]
उदाहरण वाक्य
- गलती यह है कि भारतीय छन्द विधान मेरे एक पोस्ट ' उल्लाला छंद ' में उल्लाला छंद का भेद बताते समय भूल बस मैंने 15-15 के हिसाब से 30 लिख दिया है।
- गलती यह है कि भारतीय छन्द विधान मेरे एक पोस्ट ' उल्लाला छंद ' में उल्लाला छंद का भेद बताते समय भूल बस मैंने 15-15 के हिसाब से 30 लिख दिया है।
- फिर भक्तिकाल का प्रादुर्भाव हुआ तब कविता का छंद रूप में जन्म हुआ वे थे दोहे, सोरठा, उल्लाला, गीतिका, हरिगीतिका, चौपाई.... आदि बहुत से छंद.... क्योकि व्याकरण आ चुका था।
- इसके अलावा गीतिका, हरगीतिका, मालिनी, छप्पय, चौपाई, सौरठा, कवित्त, सवैया, ख्याल, रोला, उल्लाला तथा मत्तगयंद इत्यादि छंद-पदावली को लौकिक साहित्य के साधकों में बेहद लोकप्रियता प्राप्त होती रही है।
- डॉ. भगवान दास माहौर के अनुसार ” इनका सामान्य लक्षण यही है कि इनक आरम्भ में एक दोहा होता है, और फिर दोहे के अंतिम शब्दों को दुहराकर कोई अन्य छंद आता है, तदनन्तर एक उल्लाला छंद।
- 174 मात्रिक सम छंद है-तोमर, चौपई, चौपाई, शृंगार, रोला, रूपमाला, गीतिका, हरिगीतिका, सोरठाा, उल्लाला 175 मात्रिक विषम छंद है-कुण्डलिया, दोहा, रोला, छप्पय 176 वर्णिक सम छंद है-इंद्रवज्रा, उपेन्द्र वज्रा, उपजाति, वंशस्थ, भुजंग प्रयात, तोटक, दु्रतविलम्बित, वसंततिलका, शिखरणी, मंदाक्रांता, मतगयंद, मालती 177 ' किसको पुकारे, यहां रोकर अरण्य बीच, चाहे जो करो शरण्य शरण तिहारे है ' में छंद है-कवित्त 178 दिवस का अवसान समीप था।